गंगा नदी हमारी सांस्कृतिक विरासत : विनोद जुगलान
ऋषिकेश। जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य एवं नगर निगम ऋषिकेश के ब्राण्ड एम्बेसडर पर्यावरणविद विनोद जुगलान के संयोजन में मसूरी इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या मीता शर्मा के निर्देशानुसार विद्यालय की छात्राओं ने ग्राम सभा खदरी खड़क माफ गंगा तटीय क्षेत्र में गंगा संरक्षण और पुनरूत्थान के लिए गंगा और उसकी सहायक नदी नालों की स्थिति का अध्ययन किया। जुगलान ने विद्यालय की छात्राओं को बताया कि गंगा नदी मात्र ही नहीं हमारी सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने जल संस्कृति के विकास और गंगा के महत्व के बारे में छात्राओं के साथ विस्तृत चर्चा की।
के के अध्ययन दल ने गंगा तटीय क्षेत्र के आसपास प्राकृतिक जल स्रोतों के जल सहित गंगा जी में गिरने वाली सौंग नदी सहित गंगाजल के सैम्पल लेकर जाँच के लिए संग्रह किया।जुगलान ने बताया कि उक्त स्थान पर गंगा जल की पीएच वैल्यू सात से आठ है जो कि सामान्य जल है।लेकिन ज्यों ज्यों गंगा जी का प्रवाह आगे मैदानों की ओर बढ़ता है गंदे नालों के कारण गंगाजी की निर्मलता प्रभावित हो रही है।इस दिशा में जनजागरूकता और मानव व्यवहार परिवर्तन से ही गंगा की अविरलता और निर्मलता सम्भव है।यदि प्लास्टिक प्रदूषण इसी तरह चलता रहा तो हमारी सांस्कृतिक धरोहर सदानीरा गंगाजी में जल की प्रचुरता में कमी आजायेगी।जिससे जलीय जीवों का जीवन संकटग्रस्त होजयेगा। इस अवसर पर छात्राओं ने पर्यावरण के पैरोकारी एवं समिति सदस्य विनोद जुगलान से प्रश्न कर अपनी जिज्ञासा शांत की।मौके पर विद्यालय के शिक्षक प्रवेश उनियाल और शिक्षिका कामना गहरवार ने समिति सदस्य का आभार जताते हुए कहा कि आज जलवायु परिवर्तन के दौर में निःस्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक चेतना के लिए ऐसे कार्यकर्ताओ की महत्वपूर्ण आवश्यकता है जो अगली पीढ़ी को जागरूकता का संदेश दे सकें।इस अवसर पर प्रतिज्ञाभारती,ग्रेशी,शुभांगी बुध्दि,योगिता एसआर,जन्नत घीक, कनक शर्मा ने पर्यावरण से सम्बंधित प्रश्न पूछे।जिनका उन्हें मौके पर ही उत्तर दिया गया।