भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की एवं एनआईएच जल प्रबंधन एवं सर्कुलर इकोनॉमी को सशक्त बना रहे

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रूड़की । बहुप्रतीक्षित रूड़की वाटर कॉन्क्लेव का उद्घाटन हुआ है, जो भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की (आईआईटी रूड़की) एवं नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रूड़की (एनआईएच) की एक सहयोगात्मक पहल है। दुनिया भर से सम्मानित प्रतिभागी, विशेषज्ञ और हितधारक यहां जल प्रबंधन में अपने योगदान के लिए प्रसिद्ध शहर रूड़की में जिम्मेदार जल प्रबंधन एवं चक्रीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करने के लिए एकत्रित होते हैं, जिससे एक स्थायी भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।

  रूड़की वाटर कॉन्क्लेव, भारत के उत्तराखंड के रूड़की में द्विवार्षिक रूप से आयोजित होने वाला एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, आईआईटी रूड़की एवं एनआईएच रूड़की द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है। यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम जल संसाधन प्रबंधन पर वैश्विक चर्चा के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है, जो शोधकर्ताओं से लेकर नीति निर्माताओं तक विविध प्रतिभागियों को आकर्षित करता है। जल प्रबंधन से लेकर उभरती प्रौद्योगिकियों तक के विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ, सम्मेलन अंतःविषय सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है। इस कार्यक्रम के आयोजन में आईआईटी रूड़की की प्रमुख भूमिका जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए इसके नेतृत्व और प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जिससे रूड़की जल कॉन्क्लेव दुनिया भर के पेशेवरों के लिए एक आधारशिला कार्यक्रम बन गया है।
 भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग के सम्मानित संरक्षण के अंतर्गत, यह सम्मेलन परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों और जल क्षेत्र के लचीलेपन की साझा समझ विकसित करने के लिए शुरू हुआ है। मंत्रालय का समर्थन पानी की कमी, प्रदूषण और स्थिरता जैसे जरूरी मुद्दों के समाधान के लिए सरकार के दृढ़ समर्पण की पुष्टि करता है।
प्रोफेसर बेरिट अरहाइमर, स्वीडिश मौसम विज्ञान एवं जलविज्ञान संस्थान (एसएमएचआई) के एक प्रतिष्ठित जलविज्ञानी तथा इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर हाइड्रोलॉजिकल साइंसेज के अध्यक्ष हैं। वैश्विक जल चुनौतियों से निपटने में रूड़की जल कॉन्क्लेव जैसे सहयोगी मंचों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने दुनिया भर के समाजों को लाभ पहुंचाने वाले स्थायी जल प्रबंधन समाधान विकसित करने में अंतःविषय संवाद और ज्ञान के आदान-प्रदान के महत्व पर प्रकाश डाला। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की एवं एनआईएच जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों का गढ़ रूड़की जल संबंधी अनुसंधान एवं शिक्षा में उत्कृष्टता के प्रतीक के रूप में खड़ा है। राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (एनआईएच) और आईआईटी रूड़की के बीच साझेदारी रूड़की जल कॉन्क्लेव के प्रभाव को बढ़ाती है, जिसमें जल क्षेत्र में समृद्ध विरासत वाले दो प्रतिष्ठित संस्थानों की विशेषज्ञता का संयोजन होता है। हाइड्रोलॉजिकल अनुसंधान और नीति की अपनी गहन समझ के साथ, एनआईएच स्थायी जल समाधानों की दिशा में चर्चा को समृद्ध करता है और सहयोग को बढ़ावा देता है। इस बीच, आईआईटीआर रूड़की की 177 साल की विरासत अत्याधुनिक अनुसंधान करने, व्यापक शिक्षा कार्यक्रम प्रस्तुत करने और जल चुनौतियों से निपटने के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों के विकास में इसके नेतृत्व को रेखांकित करती है। उनकी सामूहिक उत्कृष्टता और विशेषज्ञता इस आयोजन के मूल्य को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थायी जल प्रबंधन प्रथाओं को आगे बढ़ाने में इसकी सफलता में योगदान मिलता है।
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