बैठक में नमामि गंगे कार्यों की प्रगति एवं भविष्य की योजनाओं पर की चर्चा
ऋषिकेश।जिला गंगा सुरक्षा समिति की 66वी समीक्षा बैठक विकास भवन देहरादून में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।बैठक में नमामि गंगे कार्यों की प्रगति एवं भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की गई।समिति के नामित सदस्य एवं नगर निगम ऋषिकेश के ब्राण्ड अम्बेसडर पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने कहा कि लक्कड़ घाट स्थित 26 एमएलडी एसटीपी के निकट खाली पड़े तालाबों पर दो वर्ष पूर्व साहसिक पर्यटन प्रशिक्षण एवं राज्य मत्स्य पालन केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव लम्बित पड़ा हुआ है।साथ ही जलोत्सारण के पश्चात जल को निर्माण कार्यों, अग्नि शमन एवं सिंचाई के लिए प्रयोग किये जाने का प्रस्ताव भी लम्बित है।जिस पर कार्यवाही धीमी गति से चल रही है।उक्त विषयों पर मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बन्धित अधिकारियों को संज्ञान लेने और कृत कार्यवाही से अवगत कराने के निर्देश दिए।जुगलान ने कहा कि राज्य स्थापना के 23 वर्षो बाद भी स्थिति यह है कि ऋषिकेश तहसील अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र का कोई बुजुर्ग मरता तो देहरादून जनपद में है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में मुक्ति धाम न होने के कारण अंत्येष्टि के लिए टिहरी या हरिद्वार जनपद लेजाना पड़ता है जो यात्रा सीजन में कष्टदायी होता है।इसलिए खदरी में मुक्ति धाम एवं एक पूजा स्नान घाट के निर्माण का प्रस्ताव भी भारत सरकार को भेजा जाना चाहिए।मामले की गंभीरता एवं महत्ता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान ने सिंचाई विभाग को प्रस्ताव की भौतिक रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्य विकास अधिकारी ने अर्धनगरीय क्षेत्र में सीवरेज प्रणाली विकसित करने के कार्यों की भी प्रगति रिपोर्ट ली।कार्यदायी संस्था पेयजल निगम ऋषिकेश के परियोजना प्रबन्धक अनुरक्षण एवं निर्माण (इकाई गंगा) एस के वर्मा ने बताया कि सम्बन्धित क्षेत्र की योजनाओं में नेटवर्किंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। नामित सदस्य डॉ दीपक तायल ने बताया कि नगर में व्यापारियों एवं आमजन के लिए शौचालयों की संख्या पर्याप्त नहीं है।जिस पर नगर निगम को संज्ञान लेने के मौके पर निर्देश दिए गए।बैठक में सहायक नगर आयुक्त ऋषिकेश चन्द्र कान्त भट्ट,परियोजना प्रबन्धक पेयजल निगम एस के वर्मा,अधिशासी अभियंता जल निगम देहरादून भारती रावत,उप प्रभागीयवनाधिकारी देहरादून अनिल सिंह रावत,सहायक अभियंता जल संस्थान हरीश कुमार बन्सल, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड राकेश कण्डारी, एम आई एस विशेषज्ञ नगर निगम ऋषिकेश गुरमीत सिंह दीपक तायल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।