“चरित्र निर्माण एवम व्यक्तित्व का समग्र विकास” विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ
ऋषिकेश।दून ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ऋषिकेश एवम शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तराखण्ड प्रांत के द्वारा संयुक्त रूप से “चरित्र निर्माण एवम व्यक्तित्व का समग्र विकास” विषय पर आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ डॉ जगराम भाईजी,वयोबृद्ध पूर्व प्रधानाचार्य रतन सिंह पँवार एवं संस्थान की प्रधानाचार्य डॉ तनुजा पोखरियाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे इंस्टिट्यूट के प्रशिक्षु शिक्षकों एवं 200 से ज्यादा छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कार्यशाला के मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के संयोजक डॉ जगराम भाई जी ने कहा कि चरित्र निर्माण की पहली सीख परिवार दूसरी समाज और तीसरी धर्म से विकसित होती है।उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए पाँच “भ” भाषा, भूषा (परिधान)भवन,भोजन,भवन,
भ्रमण पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि भारत को जीवित रखना है तो भारतीयता सांस्कृतिक परम्पराओं को जिन्दा रखना होगा।समग्र विकास की व्याख्या को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा कि शारीरिक विकास,प्राणी विकास,बौद्धिक विकास,मानसिक रूप से मजबूत होने के साथ आत्मिक विकास के बिना समग्र विकास अधूरा है।इससे पूर्व मुख्य वक्ता का परिचय देते हुए संस्थान की प्रधानाचार्या डॉ तनुजा पोखरियाल ने बताया कि डॉ जगरामभाईजी हिंदी, संस्कृत सहित अंग्रेजी के शिक्षाविद हैं और उनकी पचास से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।अट्ठारह हजार से अधिक पुस्तकों का अध्ययन करने के साथ ही पूरे भारत का भ्रमण कर संस्कृति के संरक्षण का कार्य कर रहे हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व शिक्षाविद रतन सिंह पंवार ने उनके उद्बोधन को अपने जीवन का सर्वोच्च उद्बोधन संबोधित कर मुक्त कंठ से सराहना की।उन्होंने कहा कि अपनी माँ माटी और मातृ भाषा के लिए जिस व्यक्ति ने 32 वर्ष पूर्व घर छोड़ दिया हो ऐसा बलिदान सिर्फ राष्ट्र के प्रति समर्पण की भाव रखने वाला व्यक्ति ही कर सकता है।कार्यशाला के अंत में प्रशिक्षु शिक्षकों की बैठक लेते हुए जगराम भाई जी ने कहा कि हर विद्यार्थी की पीड़ा को पढ़ने की कला जिस शिक्षक में आगयी वही शिक्षक सफल है।उन्होंने परिवार में माता पिता की प्रमुख भूमिका और समय के प्रबंधन पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि सुबह जल्दी जागकर हम अपना दिन बड़ा कर सकते हैं।इस अवसर पर प्रशिक्षु शिक्षिकाओं द्वारा सुंदर सुंदर रंगोली बनाई गई ।कार्यशाला में न्यास के उत्तराखंड प्रान्त संयोजक डॉ अशोक मैंदोला,सह संयोजक अनुज शर्मा,वैदिक गणित संयोजक डॉ मुकेश शर्मा,पर्यावरण शिक्षा के प्रान्त संयोजक पर्यावरण विद विनोद जुगलान,डॉ संदीप शर्मा,डॉ तनुजा पोखरियाल,डॉ संगीता शर्मा,स्वाति पाण्डेय,संदीप्ति सेमवाल,संगीता पाण्डेय,नम्रता,दिव्या पैन्यूली,मनोरमा बौड़ाई,रीता बगवाड़ी,कुसुम अमर जीत आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।संचालन शिक्षिका संदीप्ति सेमवाल ने किया।