हरिद्वार अर्ध कुंभ मेले को लेकर धामी सरकार से नाराज हुआ अखाड़ा परिषद

देहरादून । उत्तराखंड सरकार 2027 अर्द्ध कुंभ की पूर्ण कुंभ मेले की तर्ज पर दिव्य और भव्य आयोजन की तैयारी कर कर रही है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी और महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरी महाराज ने नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नासिक कुंभ मेले की भव्य तैयारियां चल रही हैं, लेकिन उत्तराखंड सरकार की ओर से अखाड़ों को कोई निमंत्रण और प्रस्ताव नहीं भेजा गया है। इसलिए सभी अखाड़ों के साधु संत नासिक कुंभ की तैयारी में जुटे हैं, यदि उत्तराखंड सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई प्रस्ताव आया तभी सभी साधु संत हरिद्वार अर्द्ध कुंभ मेले की तैयारी करेंगे।
साल 2027 अर्द्ध कुंभ मेले के लिए कुंभ मेला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। हरिद्वार में नए घाटों के निर्माण भी कराया जा रहा है। इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से जुड़े साधु संत अर्द्धकुंभ का कोई निमंत्रण न मिलने से नाराज हैं। गुरुवार को जूना अखाड़े में अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहाकि हरिद्वार अर्द्ध कुंभ मेले में अखाड़ों को भाग लेने के लिए सरकार या प्रशासन की तरफ से कोई प्रस्ताव और निमंत्रण नहीं आया है। अखाड़ों के शिविर और शाही स्नान की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। यदि सरकार कहेगी तो अखाड़े हरिद्वार अर्द्धकुंभ मेले में भाग लेंगे और शाही स्नान भी करेंगे, लेकिन अभी तक मेले के शाही स्नान, बैठक और पेशवाई को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं आया है। सभी साधु संत सरकार के निमंत्रण का इंतजार कर रहे हैं।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहाकि जब भी कुंभ और अर्द्ध कुंभ जैसे आयोजन होते हैं, तब मुख्यमंत्री साधु संतों के पास निमंत्रण के लिए आते हैं। हरिद्वार अर्द्ध कुंभ मेले के लिए भी तक अखाड़ों को बुलाया नहीं गया है। कुंभ की एक परम्परा होती है कि अखाड़ों को दमूदिया जाए. उसके बाद पहली बैठक मुख्यमंत्री के यहां होती है। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने बताया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री नासिक कुंभ के लिए उनके संपर्क में रहते हैं और वहां कुंभ की भव्य तैयारी चल रही है। इसलिए यदि उत्तराखंड सरकार को भी कुंभ करना है तो उन्हें साधु संतों से वार्ता करनी पड़ेगी। इसके लिए सभी अखाड़ों के सचिवों को देहरादून बुलाकर बैठक करनी चाहिए। ताकि हरिद्वार में कुंभ मेले की भव्य तैयारियां शुरू हो सकें।

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