मर्सिडीज एक्सीडेंट में गिरफ्तार हुआ मौत का सौदागर..

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जीजा की कार को 70 की स्पीड़ से दौड़ा रहा था आरोपी-हिट एण्ड रन मामले में चार की गई जान

देहरादून । राजधानी देहरादून में बुधवार 12 मार्च को देर रात को तेज रफ्तार मर्सिडीज कार का कहर देखने को मिला था। बेकाबू मर्सिडीज कार ने 6 लोगों को कुचल दिया था, जिसमें चार की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद से ही मर्सिडीज का ड्राइवर फरार था, जिसके पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को पुलिस ने देहरादून आईएसबीटी के पास से गिरफ्तार किया है। आरोपी की उम्र 22 साल है और बीबीए का छात्र है। आरोपी मूल रूप से यूपी के मुरादाबाद का रहने वाला है, जो देहरादून में नौकरी के सिलसिले में आया था। मर्सिडीज कार आरोपी के जीजा की है, जिस वक्त ये हादसा हुआ, कार में आरोपी के साथ उसका 12 साल को भांजा भी बैठा हुआ था। आरोपी बुधवार रात को अपने भांजे को लेकर खाने-पीने के लिए निकला था।
पुलिस के अनुसार भांजे के कहने पर आरोपी एक राउंड मसूरी की तरफ घूमने निकल गया था। वहीं से लौटते समय राजपुर रोड पर साईं मंदिर के पास रात को करीब 8.20 बजे आरोपी तेज रफ्तार कार को काबू नहीं कर पाया और उसने सड़क किनारे चल रहे चार लोगों को कुचल दिया था, जिनकी मौत हो गई है। इसके अलावा आरोपी ने स्कूटी सवार दो अन्य लोगों को भी टक्कर मारी थी, जिनका हॉस्पिटल में उपचार चल रहा है। पुलिस ने बताया कि इस हादसे में जान गवाने वाले मंशाराम के चाचा ने पुलिस को तहरीर दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
थाना राजपुर क्षेत्रान्तर्गत उत्तरांचल हॉस्पिटल, निकट साई मन्दिर के पास सड़क पर एक चण्डीगढ नम्बर की मर्सिडीज कार चालक ने वाहन को तेजी व खतरनाक ढंग से चलाते हुए पैदल जा रहे 4 व्यक्तियों व एक स्कूटी यूके 07-एई-5150 को टक्कर मार दी, जिसमें पैदल जा रहे 4 व्यक्तियो की मौके पर मृत्यू हो गयी तथा स्कूटी सवार 2 व्यक्ति घायल हो गये। घटना के सम्बन्ध में मृतक मंशाराम के चाचा संजय कुमार की दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया।
घटना के अनावरण के लिए एसएसपी ने अलग-अलग टीमें गठित की। घटना की प्रारम्भिक जांच में प्रत्यक्षदर्शियों से घटना में मर्सिडीज या उससे मिलते जुलते वाहन के संलिप्त होने की जानाकरी दी गई। जिस पर गठित टीमों ने लगातार सीसीटीवी फुटेज तथा एएनपीआर कैमरों की सहायता सेघटना में शामिल मर्सिडीज जैसे वाहन की तलाश की गई तो घटना के समय घटना स्थल के पास से ऐसे कुल 11 वाहनों के गुजरने की जानकारी प्राप्त हुई, जिनमें से एक वाहन संख्या सीएच 01 सीएन 0665 रंग सिल्वर ग्रे के एक साइड से क्षतिग्रस्त होने की पुलिस टीम को फुटेज प्राप्त हुई। जिस पर संदिग्धता के आधार पर पुलिस टीम द्वारा उक्त वाहन के सम्बन्ध में जानकारी एकत्रित की गई तो उक्त वाहन हरबीर आटोमोबाइल्स एजेंसी, जिनके चण्डीगढ में महिन्द्रा के शोरूम हैं, उसने रजिस्टर्ड कराया जाना पाया गया। जिस पर तत्काल रात्रि में ही एक टीम को चण्डीगढ रवाना किया गया। जहां टीम ने वाहन की जानकारी की गई तो हरबीर आटोमोबाइल्स ने फरवरी 2023 में उक्त वाहन को खरीदे जाने की जानकारी प्राप्त हुई। हरवीर आटोमोबाइल्स ने जून 2023 में उक्त वाहन को दिल्ली के डीलर विन्नी आटोहब को बेचा गया। जानकारी के आधार पर तत्काल एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया, जहां जानकारी करने पर वाहन को विन्नी आटोहब द्वारा अपने एक अन्य एंजेसी दिल्ली कार मॉल को ट्रांसफर करना ज्ञात हुआ।
घटना के बाद पुलिस ने लगातार चलाये जा रहे चौकिंग एंव सर्च अभियान के दौरान पुलिस टीम ने वाहन को सहस्त्रधारा स्थित एक खाली प्लाट के पास से बरामद किया था। वाहन के सम्बन्ध में आस-पास के लोगों से पूछताछ करने पर पास के ही एक फ्लैट में रहने वाले मोहित मलिक नाम के व्यक्ति ने बताया गया कि इस वाहन को उनके परिचित वंश कत्याल ने रात्रि में वंहा खडा किया है। रात्रि में वाहन को खडा करने के बाद वंश ने उससे फोन पर सम्पर्क कर बताया गया था कि उसके वाहन में कुछ तकनीकि खराबी आ गयी है तथा उसने अपने भांजे को जाखन छोडने के लिये उनसे उनकी स्कूटी मांगी थी तथा स्कूटी की चाभी उनके घर से ली थी,  रात्रि में अपने भांजे को छोडने के बाद वंश कत्याल उनकी स्कूटी उन्हें वापस देकर चला गया था। वाहन स्वामी जतिन प्रसाद वर्मा से पूछताछ में भी उसने उक्त वाहन को उसके साले वंश के ले जाने की जानकारी दी। जिस पर पुलिस टीम ने वंश के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए करते हुए वंश को आईएसबीटी के पास से गिरफ्तार किया गया।
राजधानी देहरादून के वीआईपी क्षेत्र राजपुर रोड में हुए हिट एण्ड रन के मामलें में चार लोगों की जान जाने की जानकारी मिलते ही गढ़वाल परिक्षेत्र के आईजी राजीव स्वरूप की निगरानी के चलते 24 घंटे में मामले का खुलासा देहरादून पुलिस ने किया। आईजी राजीव स्वरूप खुद मामले की निगरानी करते हुए पुलिस टीमों को निर्देश दे रहे थे और पल-पल की मामले की खबर ले रहे थे। राजीव स्वरूप व्यक्ति गत रूप से दिल्ली व चण्डीगढ़ पुलिस अधिकारियों से वार्ता कर पुलिस टीम के सहयोग करा रहे थे। जिसके कारण मामले का चंद की घंटों में खुलासा हो सका। आईजी गढ़वाल का दोनो राज्यों की पुलिस से अच्छे संबधं हैं।

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