पुनर्वास से संबंधित जन सुनवाई कार्यक्रम में दर्ज किये गये 90 से अधिक प्रकरण

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टिहरी।  पुनर्वास निदेशालय नई टिहरी में गुरूवार को टिहरी बांध से संबंधित पुनर्वास प्रकरणों को लेकर निदेशक पुनर्वास/जिलाधिकारी मयूर दीक्षित एवं विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय की उपस्थिति में बैठक आहूत की गई।

इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि पुनर्वास के तहत लम्बित शिकायतों के निस्तारण हेतु यह बैठक आयोजित की गई है, जिसमें 08 नवम्बर तक आवेदन उपलब्ध कराने को कहा गया। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट मंे लम्बित पुनर्वास के प्रकरणों की स्थिति का पता लगाया जाय। जिन प्रकरणों पर सहमति बनी है, उन पर निर्णय लिया जाना चाहिए। पुनवार्स के प्रकरणों पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए पेचिदा प्रकरणों को उच्च स्तर पर रखा जाना जरूरी है, ताकि पात्र लोगों को उसका लाभ मिल सके।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि समय-समय पर पुनर्वास से संबंधित प्रकरण संज्ञान में लाये जाते रहे हैं। बताया कि जन सुनवाई कार्यक्रम आयोजित करने का मकसद समयान्तर्गत पुनर्वास के प्रकरणों का निस्तारण करना तथा सभी पात्र/अपात्र लोगों को वास्तविक स्थिति से अवगत कराया जाना है। उन्होंने बताया कि शासन, जोखिम और अनुपालन (जीआरसी) एक्ट के तहत 320 की सूची बनाकर भेज दी गई है।

जन सुनवाई कार्यक्रम में वार्ड 01 से 06 के लगभग 700 प्रकरणों के क्षतिपूर्ति मुआवजा दिये जाने की मांग की गई, जिस पर रिकार्ड चैक एवं सूची तैयार कर प्रस्ताव शासन को भेजे जाने की बात कही गई। इसके साथ ही असेना निवासी शिवलाल ने बेनाप भूमि के तहत 04 दुकान दिये जाने की मांग की, जिस पर टीएचडीसी अधिकारी ने बताया कि बेनाप भूमि के 175 प्रकरण एसएलओ की रिपोर्ट के आधार पर शिकायत निवारण प्रकोष्ठ द्वारा निरस्त किये गये हैं। असेना के पाल्दया ने मकान का भुगतान किये जाने की मांग की, जिस पर अपूर्ण सर्वे सीट के चलते प्रकरण को बन्द करने को कहा गया। उप्पू सौड़ निवासी सोहन लाल जुयाल ने पात्रता निर्धारण बराबर न होने की बात कही गई, जिसकी जांच करने के निर्देश संबंधित को दिये गये। असेना निवासी विजय कृष्ण उनियाल ने अटाली रोड़ क्षतिपूर्ति का मुआवजा दिये जाने की मांग की, जिस पर जल्द निर्णय लिये जाने का आश्वासन दिया गया।

टिपोला ढुंगमंदार निवासी हरिकृष्ण बडोनी ने सिंचित भूमि क्षतिपूर्ति की मांग की, जिस पर जिलाधिकारी ने अवगत कराया कि उसका ड्रोन सर्वे किया जाना है तथा सर्वे रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जायेगा। वहीं चौपड़ा गांव के लोगों ने पूर्ण विस्थापन की मांग की, जिस पर टीएचडीसी के अधिकारी ने बताया कि चौपड़ा गांव की 60 हेक्टियर भूमि में से केवल 06 हेक्टियर भूमि डम्पिंग के लिए अधिगृहित की गई, जिसका मुआवजा दिया जा चुका है।

इस मौके पर अधीक्षण अभियन्ता पुनर्वास आर.के. गुप्ता, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, महाप्रबंधक टीएचडीसी विजय सहगल, एसडीएम अपूर्वा सिंह व संदीप कुमार, अधिशासी अभियन्ता अवस्थापना (पुनर्वास) खण्ड नई टिहरी अनूप डियूंडी सहित संबंधित अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद रहे।

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