जिल के तीन दिवसीय दौरे पर रहे जनपद के प्रभारी सचिव दीपेन्द्र चौधरी ने विभिन्न विकास कार्यो का किया स्थलीय निरीक्षण
1 min readग्रामीणों की समस्या सुनी। अधिकारियों को दिए त्वरित निस्तारण के निर्देश।
नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर शिक्षा संस्थानों के उच्च अधिकारियों से की चर्चा।
चमोली । जनपद चमोली के प्रभारी सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने जिले के तीन दिवसीय प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास, शिक्षा, स्वास्थ्य विभागों की समीक्षा के साथ विभिन्न विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी।
प्रभारी सचिव ने सैनिक कल्याण विभाग को भूतपूर्व सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों को उपलब्ध कराई जाने वाली जनकल्याणकारी एवं पुनर्वास योजनाओं की समीक्षा करते हुए पूर्व सैनिकों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया।
सचिव ने विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण कर ग्रामीणों की सुनी समस्या
सचिव ने विकासखंड दशोली के कोटेश्वर गांव का भ्रमण कर विभिन्न विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया और विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। ग्रामीणों ने सचिव को जंगली सुअर एवं बंदरों से फसलों को हो रहे नुकसान, सडक व सिंचाई नहर को दुरस्थ करने और डेयरी में दूध का उचित दाम न मिलने की समस्याएं बताई।
सचिव ने विकासखंड दशोली के कोटेश्वर गांव का भ्रमण कर विभिन्न विकास कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया और विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यो की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी। ग्रामीणों ने सचिव को जंगली सुअर एवं बंदरों से फसलों को हो रहे नुकसान, सडक व सिंचाई नहर को दुरस्थ करने और डेयरी में दूध का उचित दाम न मिलने की समस्याएं बताई।
प्रभारी सचिव ने जंगल जानवरों को रोकने के लिए चेंनिंग फेंसिंग, घेरबाड कराने के साथ वैकल्पिक तरीके जैसे लेमन ग्रास, नेपियर घास व कंटीली झाडिया लगाने की बात कही। कहा कि काश्तकारों को कीवी, हल्दी, अदरक, जड़ी बूटी आदि नगदी फसल जिन्हें जंगली जानवर नुकसान नही पहुंचाते है उनको उगाने के लिए प्रोत्साहित करें। उद्यान अधिकारी ने बताया कि बागवानी फसल की सुरक्षा के लिए 80 फीसदी सब्सिडी पर काश्तकारों को चैंनिंग फेंसिंग की सुविधा मुहैया की जा रही है। सचिव ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि दुग्ध उत्पादकों की फीड सब्सिडी 50 फीसदी करने की मांग को लेकर शासन में वार्ता की जाएगी। उन्होंने उद्यान अधिकारी को किसानों को शीघ्र लीलियम के बल्ब भी उपलब्ध कराने के निर्देश।
क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र सिंह बिष्ट ने मण्डल बणद्वारा में नहर क्षतिग्रस्त होने की समस्या रखी। इस पर सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में यह निर्माण प्रस्तावित है। जडी बूटी -बणद्वारा मोटर मार्ग की मरम्मत को लेकर अधिशासी अभियन्ता ने बताया कि सडक मरम्मत कार्य हेतु पीएमजीएसवाई में प्रस्तावित है। ग्रामीणों ने बताया कि राइका बैरागना में 400 नाली भूमि बंजर पडी है और इस भूमि पर अतिक्रमण की आशंका है। उन्होंने इस भूमि पर खेल मैदान बनाने की मांग रखी। जिस पर प्रभारी सचिव ने शिक्षा अधिकारी को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए। इस दौरान एनआरएलएम के ब्लॉक समन्वयक ने बताया कि कोटेश्वर गांव में 9 समूह बनाए गए हैं जिनमें माध्यम से आर्थिक उन्नयन के लिए विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। समूहों के माध्यम से इस वर्ष 180 कुंतल मडुवे का विपणन किया गया।
सचिव ने नई शिक्षा नीति लागू करने को लेकर की चर्चा
सचिव ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर, राइका बैंरागंना और प्राथमिक विद्यालय बैरांगना का निरीक्षण करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने के संदर्भ में प्राचार्य, प्रोफेसर, प्रधानाचार्य एवं शिक्षा अधिकारियों से लंबी चर्चा एवं विचार विमर्श किया। सचिव ने शिक्षण संस्थानों में वोकेशनल ट्रेनिंग को अनिवार्य रूप से प्रदान करने के निर्देश दिए। ताकि छात्रों को स्वरोजगार या अन्य प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सरकारी नौकरी मिलना संभव नही है। इसलिए कक्षा 6 से ही छात्रों को विभिन्न वोकेशनल ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाए। कहा कि छात्रों को शुरुआत से ही रोजगारपरक एवं कौशल विकास की प्रारंभिक शिक्षा दिए जाने पर आने वाले समय में उनके जीवन में बहुत बडा सुधार दिखेगा। बेरोजगारी और पलायन की समस्या काफी हद तक दूर होगी। सचिव ने कहा कि तकनीकी विद्यालयों में प्लेसमेंट सेल को एक्टिवेट कर रोजगार मेले का आयोजन कराया जाए। ताकि छात्र पास आउट होने के पूर्व ही किसी इंडस्ट्री/प्रतिष्ठान में एक सम्मानजनक नौकरी प्राप्त कर सके। इस दौरान उन्होंने राइका बैरांगना में पौधारोपण भी किया।
सचिव ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर, राइका बैंरागंना और प्राथमिक विद्यालय बैरांगना का निरीक्षण करते हुए नई शिक्षा नीति लागू करने के संदर्भ में प्राचार्य, प्रोफेसर, प्रधानाचार्य एवं शिक्षा अधिकारियों से लंबी चर्चा एवं विचार विमर्श किया। सचिव ने शिक्षण संस्थानों में वोकेशनल ट्रेनिंग को अनिवार्य रूप से प्रदान करने के निर्देश दिए। ताकि छात्रों को स्वरोजगार या अन्य प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के बेहतर विकल्प उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को सरकारी नौकरी मिलना संभव नही है। इसलिए कक्षा 6 से ही छात्रों को विभिन्न वोकेशनल ट्रेड का प्रशिक्षण दिया जाए। कहा कि छात्रों को शुरुआत से ही रोजगारपरक एवं कौशल विकास की प्रारंभिक शिक्षा दिए जाने पर आने वाले समय में उनके जीवन में बहुत बडा सुधार दिखेगा। बेरोजगारी और पलायन की समस्या काफी हद तक दूर होगी। सचिव ने कहा कि तकनीकी विद्यालयों में प्लेसमेंट सेल को एक्टिवेट कर रोजगार मेले का आयोजन कराया जाए। ताकि छात्र पास आउट होने के पूर्व ही किसी इंडस्ट्री/प्रतिष्ठान में एक सम्मानजनक नौकरी प्राप्त कर सके। इस दौरान उन्होंने राइका बैरांगना में पौधारोपण भी किया।
सचिव ने जिले में औद्योगिक संस्थानों की जानकारी लेते हुए उद्योग विभाग के सहायक प्रबंधक को औद्योगिक संस्थान कालेश्वर में प्लॉटों का निरीक्षण करने और खाली प्लॉट को जरूरतमंदों को आंवटन करने के निर्देश भी दिए। भ्रमण के दौरान नए डीडीओ सुशील डोभाल, एपीडी केके पंत, तहसीलदार दशोली, नायब तहसीलदार दीप्ति शिखा आदि मौजूद थे।