भगवान को चाहिए होता है निश्छल मनः जगूड़ी
देहरादून। सरस्वती विहार विकास समिति अजबपुर खुर्द देहरादून द्वारा शिव शक्ति मंदिर सरस्वती विहार मे चल रही शिव महापुराण के दशम दिवस पर कथा व्यास आचार्य सतीश जगूड़ी ने कहा की भोलेनाथ बहुत ही भोले हैं बहुत जल्दी ही भक्ति से खुश हो जाते हैं। इसलिए हमें उनके शरणागत हो जाना चाहिए और शरणागत होने के लिए हमें अपनी शर्तों पर नहीं अपितु जिसके शरणागत हुए हैं उसके अनुसार चलना चाहिए। भगवान को अपना मन दे दो लेकिन छल कपट नहीं।
उन्होंने कहा कि सबसे कीमती होते हैं हीरा, रत्न, मोती अगर हम इनको भगवान को समर्पित कर दे तो भगवान खुश नहीं होता क्योंकि यह सब भगवान के ही पास से आए हैं। भगवान को तो आपका निश्छल मन चाहिए जिसमें जनकल्याण और प्रेम की भावना हो तभी भगवान खुश होते हैं। इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष पंचम सिंह बिष्ट वरिष्ठ उपाध्यक्ष बीएस चैहान उपाध्यक्ष कैलाश राम तिवारी सचिव गजेंद्र भंडारी अनूप सिंह फर्त्याल, मूर्ति राम विजल्वाण, दिनेश जुयाल, विजय सिंह रावत, सोहन सिंह रौतेला, मंगल सिंह कुट्टी, पीएल चमोली, गब्बर सिंह कैतुरा, हिमांशु राणा, जय प्रकाश सेमवाल, आचार्य उदय प्रकाश नौटियाल, आचार्य सुशांत जोशी,आशीष गुसाई, आचार्य अखिलेश बधानी, जयपाल सिंह बर्थवाल, चिंतामणि पुरोहित, बीपी थपलियाल, बग्वालिया सिंह रावत, आदि उपस्थित थे।