पदों में कटौती किए जाने पर राज्य कर विभाग के सभी कर्मचारियों में भारी रोष
1 min readदेहरादून। राज्य कर कर्मचारी संयुक्त मोर्चे के पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत मसूरी बाईपास, रिंग रोड, देहरादून स्थित राज्य कर मुख्यालय में राज्य कर विभाग के सभी कर्मचारियों द्वारा धरना-प्रदर्शन करते हुए राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती किए जाने पर अपना जोरदार विरोध प्रकट किया गया। मोर्चे के अध्यक् जगमोहन नेगी द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि शासन के पत्रांक-290 दिनांक-28.06.2024 द्वारा राज्य कर विभाग, उत्तराखण्ड के विभागीय अधिकारियों के संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन किया गया है, जिसमें राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों का कोई उल्लेख नहीं किया गया है तथा शासन/विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा उक्त विषय पर वर्तमान स्थिति भी स्पष्ट नहीं की जा रही है, जिसे लेकर धरने में उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा अपना घोर आक्रोश व्यक्त किया गया। ध्यातव्य है कि राज्य कर अधिकारी संवर्ग के कुल स्वीकृत 243 (234 + 09) पदों में से 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय कर्मचारी की पदोन्नति होती है। विभागीय कर्मचारी इस राज्य के मूल निवासी हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिला शक्ति भी है। वे लगभग 20-25 वर्षों की अनवरत विभागीय सेवा करने के उपरान्त पदोन्नत होने पर समूह-ख श्रेणी के ‘राज्य कर अधिकारी’ पद पर पदोन्नत होकर राजपत्रित प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं, परन्तु पदों की कटौती किए जाने से राज्य के मूल निवासी कर्मचारियों के पदोन्नति के सोपान कम होते हैं, जिससे कर्मचारियों के मनोबल एवं कार्यदक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
धरने में उपस्थित विभागीय कर्मचारी संगठनों के सभी वर्तमान एवं पूर्व पदाधिकारियों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए और शासन द्वारा जारी विभाग के अधिकारी संवर्ग के ढांचे के पुनर्गठन में राज्य कर अधिकारी संवर्ग के पदों में कटौती किए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए कर्मचारी संगठनों को विश्वास में नहीं लिए जाने पर कड़े शब्दों में निंदा की गयी। उल्लेखनीय है कि पूर्वकाल में भी दो बार शासन द्वारा अधिकारियों का ढांचा पुनर्गठित करते हुए अधिकारियों के पदों में भारी बढ़ोत्तरी की गयी, किन्तु कर्मचारियों के ढांचे में एक बार भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी है। पुनः अधिकारियों के ढांचे में उच्च पदों में भारी वृद्धि कर दी गयी है और अधिकारी संवर्ग के प्रथम पद में कटौती कर दी गयी है जो कि नितान्त एकपक्षीय कार्यवाही है, जिसे पूरी तरह से अस्वीकार किया जाता है। संयुक्त मोर्चे द्वारा प्रदर्शन को जारी रखते हुए निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी कार्यालयों में कार्य बहिष्कार किया जाएगा। यदि शासन/विभाग द्वारा मोर्चे की मांगों का संज्ञान नहीं लिया जाता है तो उक्त कार्यक्रम को जारी रखते हुए अग्रिम रणनीति के अनुसार क्रमिक अनशन, मुख्यालय घेराव, सचिवालय घेराव आदि कार्यक्रम भी किए जाएंगे।
इस अवसर पर संयुक्त मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, महासचिव अरविन्द जोशी, वैयक्तिक सहायक/अधिकारी सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सपरा, मिनिस्ट्रीयल संघ के संरक्षक भरत सिंह राणा, सलाहकार मनमोहन सिंह नेगी, कैलाश सिंह बिष्ट, सुनील कुमार, विपिन डंगवाल, राजेन्द्र जोशी, नैन सिंह पंवार, रूबी मंमगाईं, सुरक्षा, श्रद्धा, बृजेश सिंह, दीपक शर्मा, अनुज जैन, आदि संगठन के पदाधिकारी और मुख्यालय व देहरादून सम्भाग के सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।