सेवानिवृत्त चिकित्साधिकारियों को न्याय दिलाने के प्रकरण पर मुखर हुए खंडूरी

शिक्षा से जुड़े मुद्दे को प्रमुखता से उठाने के बाद एक बार फिर  विवेकानन्द् खंडूरी शासन व सरकार को घेरने की तैयारी में है । इस बार ये मुद्दा शिक्षा से जुड़ा नहीं है। बल्कि सेवानिवृत्त चिकित्साधिकारियों को न्याय दिलाने की मांग व्यापक स्तर पर उठा रहे है जो प्रकरण सरकार के दृश्य पटल पर होने के बाद कई समय से ठंडे बस्ते पर पड़ा है।

देहरादून । भारतीय जनता पार्टी नेता विवेकानंद खंडूड़ी ने सेवानिवृत्त आयुष चिकित्साधिकारियों की विनियमितिकरण तिथि संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन एवं पेंशन  विषयक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रेषित किया है। इससे पहले श्री खंडूड़ी ने सेवानिवृत्त राजकीय आयुष चिकित्सा संघर्ष समिति, संबद्ध राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी चिकित्सा सेवा संघ उत्तराखंड, के ज्ञापन में वर्णित तथ्यों पर उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी एवं सचिव विनय शंकर पाण्डेय से भी वार्ता कर उक्त मामले में सकारात्मक कदम उठाए जाने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में, अवगत कराया गया कि, दिसम्बर, 2022 को गैरसैंण में आहुत केबिनेट की बैठक में
आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों के पेंशन प्रकरण के समुचित समाधान के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया। उच्चस्तरीय समिति ने 13 अक्टूबर, 2023 को आयोजित बैठक में निर्णय लिया कि, 30 जून, 1998 से पूर्व नियुक्त आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों की विनियमितिकरण की तिथि 27 जनवरी 2006 के स्थान पर 30 सितम्बर 2005 संशोधित की जाय। उच्चस्तरीय समिति ने अपनी संस्तुति केबिनेट की बैठक में अनुमोदन हेतु प्रेषित कर दी।
पेंशन हेतु गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा प्रेषित आयुष चिकित्साधिकारियों की विनियमितिकरण की तिथि 27 जनवरी 2006 के स्थान पर 30 सितम्बर 2005 संशोधन हेतु प्रस्ताव  04 दिसंबर 2023 को केबिनेट की बैठक में अनुमोदित किया गया। इसके साथ ही सभी चिकित्साधिकारी पेंशन हेतु अर्ह हो गये हैं।

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