प्रख्यात गांधीवादी व समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की दो नई चर्चित पुस्तको का विमोचन
1 min read
रघु ठाकुर की दो पुस्तकों का विमोचन
डॉ बी.आर चौहान
कांस्टिट्यूशन क्लब सभागार, संसद मार्ग, नई दिल्ली में प्रख्यात गांधीवादी व समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर की दो नई चर्चित पुस्तको का विमोचन किया गया. इनमे से एक पुस्तक का नाम “समस्या और समाधान” और दूसरी का नाम ” आमजन और राजनीति ” है. इस अवसर पर हृदय नारायण दीक्षित, पूर्व विधान सभा अध्यक्ष, उतर प्रदेश, लक्ष्मी दास, पूर्व अध्यक्ष, खादी ग्रामोद्योग आयोग, वर्तमान उपाध्यक्ष- हरिजन सेवक संघ व् अध्यक्ष भारतीय सहकारी बैंक परिषद, राम बहादुर राय, अध्यक्ष ,इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र एवं वरिष्ठ आप नेता व सांसद संजय सिंह ने अपने विचार प्रकट किये. समारोह की अध्यक्षता रघु ठाकुर ने की.
उपरोक्त सभी वक्ताओं ने रघु ठाकुर द्वारा लिखित पुस्तकों की सराहना की और उन्हे अपने समय का युग दृष्टा व प्रभावशाली लेखक बताया. रघु जी का जीवन संघर्ष बहुत ही कठिन रहा है. उन्होंने जो भी लिखा व देश और समाज के लिए लिखा. रघु ठाकुर आज देश में विचारों की क्रांति की मशाल को लेकर अकेले और बिना थके, समर्पण भाव से पूरे भारत में अलख जगाने का काम कर रहे हैं. उनका मानना है लोकतंत्र में मत भिन्नता तो रहती है लेकिन साथ साथ संवाद की प्रक्रिया भी चलती रहनी चाहिए. उनका कहना है की पूंजीवाद ने भारत में धर्मनिर्पेक्षता को काफी नुकसान पहुंचाया है. ठाकुर धार्मिक कट्टरता को भी समाज की प्रगति के लिये ठीक नही मानते. वह कहते है कि नेताओं को समाज के गरीब और कमजोर तबके का ख्याल रखना होगा तभी हमारा लोकतंत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती के साथ खड़ा होगा और विश्व में अपनी पताका फहरायेगा.
ठाकुर जी की पुस्तक “समस्या और समाधान” में 6 चैप्टर है जिसमें कानून और न्यायपालिका, समाजवाद और पूंजीवाद, गाँधी- लोहिया, शिक्षा और भाषा, नारी व विविध विषयों पर सार्थक चर्चा करते हुए एक स्पष्ट ताना- बाना बड़े ही रोचक ढंग से बुना गया है. प्राय: सभी पाठक चाहे वह कम उम्र के हो या अधिक उम्र के हो, उनके लिए कुछ न कुछ संदेश दोनों पुस्तको मे दिया गया है . वर्तमान समय में देश मे क्या हो रहा है और भविष्य में उसका क्या लाभ या नुकसान हो सकता है, इसका बेहतर चित्राकंन कलम के जादूगर रघु ठाकुर ने भली भाँति अपनी पुस्तकों मे किया है.
अपनी दूसरी पुस्तक ” आमजन और राजनीति ” में लेखक ने अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राजनैतिक और आम लोग और राजनीति पर अपनी गहरी, सच्ची व बेवाक राय जाहिर की है. उन्होंने पत्रकारों को भी आगाह किया है की वह समाज की सही तस्वीर पेश करे और किसी व्यक्ति या दल की तरफदारी न करके जनमानस को सही जानकारी दे .