गंगाजी के प्रथम उपजाऊ मैदान खतरे में है खादर का अस्तिव
ऋषिकेश। जिला गंगा सुरक्षा समिति के संयोजक/प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार शर्मा ने जिला गंगासुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान के साथ गंगा तट अत्यधिक वन्यजीव प्रभावित खदरी खड़क माफ के खादर क्षेत्र का संयुक्त निरक्षण किया। समिति के नामित सदस्य विनोद जुगलान ने प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून को बताया कि यहाँ गंगा तट का यह पहला उपजाऊ खादर क्षेत्र है।जहां खदरी के किसान चार पाँच पीढ़ियों से खेती करते आरहे हैं लेकिन राजाजी नेशनल पार्क सहित रिजर्व फारेस्ट निकट होने के कारण वन्यजीवों की आमद बढ़ गयी है। परिणामस्वरूप किसान वन्यजीवों द्वारा फसल नुकसान होने के कारण खेती से विमुख होने लगे हैं, ऐसे में गंगाजी के प्रथम उपजाऊ मैदान खादर का अस्तिव खतरे में है।सौंग नदी एवं गंगाजी के संगम तट पर सुरक्षा दीवार बनाई गई है।यहाँ मात्र 40 से 50 मीटर लम्बी दूरी की सुरक्षा दीवार न होने से फसलों को भारी क्षति पहुंच रही है।समस्या की गंभीरता का संज्ञान लेते हुए प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार शर्मा मौके का स्थलीय निरीक्षण करने उक्त स्थल पर पहुँचे और उन्होंने समस्या का जायजा लेते हुए वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश को सुरक्षा दीवार निर्माण का इस्टीमेट तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।उन्होंने कहा कि वन्यजीव प्रभावित क्षेत्र में किसानों एवं फसल सुरक्षा के ठोस प्रबन्ध किये जाएँगे।प्रभागीय वनाधिकारी ने नमामि गंगे योजना के तहत वर्ष 2020 में राजकीय पॉलिटेक्निक खदरी के समीप किये गए दस हेक्टेयर प्लांटेशन की भी सराहना की।उन्होंने कहा पौधों के संरक्षण के लिए स्थानीय लोगो को भी जागरूक किया जाना चाहिए।इसके पश्चात डीएफओ देहरादून ऋषिकेश रम्भा नदी स्थित संजय झील जैव विविधता पार्क में हो रहे विकास कार्यों का जायजा लिया।मौके पर वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश गम्भीर सिंह धमान्दा,उपराजिक अधिकारी चन्द्र शेखर भट्ट,वनबीट अधिकारी ईश्वर सिंह गुसाईं,वन आरक्षी सुभाष चन्द बहुगुणा,वनकर्मी मनोज कुमार, कमल सिंह राजपूत उपस्थित रहे।