जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में दो दिवसीय कौशलम पाठ्यचर्या पर मास्टर ट्रेनर अभिमुखीकरण

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कौशलम् कार्यक्रम के माध्यम से उद्यमिता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास किया जाना है

 

देहरादून। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में दो दिवसीय कौशलम पाठ्यचर्या पर मास्टर ट्रेनर अभिमुखीकरण कार्यक्रम आज दिनांक 22 मई 2024 को प्रारंभ हुआ। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में प्राचार्य डायट देहरादून राकेश जुगराण ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में उद्यमिता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास करना है ।वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में पलायन की समस्या चल रही है। इस समस्या के समाधान के लिए नोनिहालों में कौशलम् कार्यक्रम के माध्यम से उद्यमिता के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का विकास किया जाना है। उन्होंने कहा कि उद्यम ऐसा होना चाहिये जो स्थानीय आवश्यकताओ को पूरा करे और व्यक्ति की आय को भी बढ़ाए । इस कार्यक्रम में जिला स्तर पर समन्वयन ऋचा जुयाल एवम ऋतु कुकरेती द्वारा किया जा रहा है । संदर्भदाता के रूप में डॉ उमेश चमोला विजयलक्ष्मी सेमल्टी और स्वाति जैन द्वारा कार्य किया जा रहा है । इस अवसर पर डॉ उमेश चमोला ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 नोनिहालों में चरित्र निर्माण और 21वीं सदी के कौशलों के विकास पर बल देती है । उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों में समस्या की पहचान और समस्या समाधान के कौशल का विकास करना है । विभिन्न करियर क्षेत्र में अपनी रुचियां को पहचानते हुए इस कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे किसी व्यवसाय हेतु प्रोजेक्ट बनाने में भी दक्ष होंगे । कौशलम कार्यक्रम की डायट समन्वयक श्रीमती ऋचा जुयाल ने कहा कि विद्यार्थियों में उद्यमिता के विकास के लिए धैर्य, स्व जागरूकता, स्वतंत्र सोच और कुछ नया आजमाने की आदत होनी चाहिए । साथ ही संवाद कौशल , कार्य करने की आदत और तर्कपूर्ण चिंतन करने के कौशल का विकास करना इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य है । श्रीमती ऋतु कुकरेती द्वारा प्रधानाचार्यों की कौशलम कार्यक्रम में भूमिका पर प्रकाश डाला। श्रीमती विजय लक्ष्मी सेमल्टी ने डेमो द्वारा कक्षा कक्ष में इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के बारे मे प्रतिभागियों को जानकारी दी। कुo स्वाति जैन ने कहा कि कौशलम कार्यक्रम को प्रभावी बनाने के लिए इससे जुड़े हितधारकों को भी अपना अपना योगदान देना होगा । विद्यालय का प्रमुख होने के नाते प्रधानाचार्य की भी इसमें विशेष भूमिका होगी । इस दो दिवसीय प्रशिक्षण में जनपद देहरादून के 20 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जो कि विकासखंड स्तर पर कौशलम कार्यक्रम से जुड़े शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे । उद्यम फाउंडेशन के विशेषज्ञ दिनेश सिंह और कुंदन विश्वकर्मा ने कौशलम पाठ्यचर्या पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से गतिविधि आधारित है। कार्यशाला में सभी मुख्य संदर्भदाता शिक्षकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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