पीआरएसआई देहरादून चैप्टर ने मनाया राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस
1 min readदेहरादून। पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) देहरादून चौप्टर के सदस्यों द्वारा देहरादून में राष्ट्रीय जनसंपर्क दिवस-2024 धूमधाम के साथ मनाया गया। अतिथियों ने इस वर्ष जनसंपर्क दिवस पर सनातन मूल्य और उभरता भारत मे जनसंपर्क की भूमिका पर अपने वक्तव्य दिए। सनातन मूल्यों के जानकार, नीरज पांडे ने सनातन मूल्य और उभरता भारत में जनसम्पर्क की भूमिका विषय पर अपने व्याख्यान देते हुए कहा कि वैज्ञानिक सिद्धांतों में निहित सनातन मूल्य, भारत और दुनिया के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों पर सुसंगत हल देने की क्षमता रखते हैं। हम सनातन मूल्य की बात करते हैं तो उसका तात्पर्य उस हिन्दू धर्म से जिसका पालन सामान्य हिंदू परिवार करते हैं। वैदिक ग्रंथों में जीवन मूल्य शब्द नहीं है, मूल शब्द अंग्रेजी की वैल्यू के कारण आ गया है।
ग्रंथों में तो जीवन मूल्य का अर्थ पुरुषार्थ। वैदिक ग्रंथों में जीवन मूल्य का अर्थ पुरुषार्थ की बात कही है ये 4 प्रकार के है धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। यही हमारे सारे संघर्ष के आधार हैं। जीवन की इच्छा और जीवनभोग इसी पर हमारा इमरजिंग इंडिया भी आधारित है। हमारी क्या जीवन इच्छा है और क्या जीवन भोग करना चाहते हैं। इसी आधार पर हम इमर्जिंग भारत की बात करते हैं। उन्होंने ऐसा सुनियोजित निरंतर प्रयास करना है जिसके द्वारा किसी संगठन या सत्ता और उसकी जनता के बीच परस्पर सम्बन्ध स्थापित विकसित होती है और इसके लिए अच्छे चरित्र दायित्वपूर्ण बगैर अच्छे चरित्र के हम जनसंपर्क नहीं कर सकते। पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने विभिन्न गतिविधियों, सेमिनारों और कार्यशालाओं के माध्यम से संचार और जनसंपर्क पेशेवरों की क्षमता को आगे बढ़ाने के प्रयासों के लिए देहरादून चौप्टर की सराहना की। इस दौरान उन्होंने सनातन मूल्यों पर आधारित कविता का पाठ भी किया। देहरादून चौप्टर के उपाध्यक्ष डॉ. ए.एन त्रिपाठी ने सनातन मूल्यों के आधार पर भारत की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की क्षमता पर प्रकाश डाला और सुझाव दिया कि युवाओं को सनातन मूल्यों में शिक्षित करने के लिए पीआरएसआई को पूरे उत्तराखंड में कार्यशालाएँ आयोजित करनी चाहिए।
सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरणीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी जनसंपर्क के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सनातन मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता पर बल दिया। नौटियाल ने मानवविज्ञानी लोकेश ओहरी के शोध का हवाला देते हुए कहा कि रुद्रप्रयाग में हरियाली देवी के प्रति श्रद्धा भाव ने क्षेत्र में 98 पौधों की प्रजातियों को संरक्षित करने में उपयोगी साबित हुआ।
उप-निदेशक सूचना रवि बिरजानिया ने भी जनसंपर्क दिवस पर सनातन मूल्य और उभरता भारत में जनसंपर्क की भूमिका पर अपने विचार व्यक्त किये। इसके साथ ही सचिव अनिल सती, कोषाध्यक्ष सुरेश भट्ट, फिल्मकार निर्माता, वैभव गोयल, फिल्मनिर्देशक कांता प्रसाद ने भी अपनी बात रखी। पीआरएसआई देहरादून चौप्टर द्वारा जनसम्पर्क के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए विभूतियों को सम्मानित भी किया गया।