संभावित समस्याओं के निदान के लिए प्रीवेंटिव मेजर्स (निवारक उपायों) पर चर्चा किया जाना आवश्यक : जुगलान

ऋषिकेश। नमामि गंगे योजना के तहत नगरीय एवं अर्धनगरीय सीवरेज योजना के क्रियान्वयन के प्रयासों को धरातल पर गतिमान करने के लिए कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के परियोजना प्रबन्धक अनुरक्षण एवं निर्माण (इकाई गंगा)एस के वर्मा ने अधिकारियों के साथ अपने कार्यालय में संयुक्त बैठक कर क्रियान्वयन से योजना से पूर्व की स्थिति पर चर्चा की।बैठक में नमामि गंगे जिला क्रियान्वयन समिति जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने जोर देते हुए कहा कि नगरीय एवं अर्धनगरीय क्षेत्र में सिवरेज प्रणाली के क्रियान्वयन से पूर्व भविष्य में संभावित समस्याओं के निदान के लिए प्रीवेंटिव मेजर्स (निवारक उपायों) पर चर्चा किया जाना आवश्यक है।जिसमें स्थानीयों की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है।स्थानीयों के सुझाव भी क्रियान्वयन से पूर्व लिए जाने चाहिए।योजना की सफलता के लिए आगामी तीस वर्षों की जनसंख्या को ध्यान में रखकर ही योजना सुनिश्चित की जाए,साथ ही निर्माण कार्यों से पूर्व सुरक्षा एवं पर्यावरण के पहलुओं के पहलुओं को ध्यान में रखकर ही कार्य योजना का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।संयुक्त बैठक में जर्मन कम्पनी जी. के. डब्ल्यू. प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के टीम लीडर केन कोवा,जी.के. डब्ल्यू. के सीनियर रेजीडेन्ट इंजीनियर अखिलेश्वर प्रसाद,रेजीडेन्ट इंजीनियर प्रफुल्ल कुमार पाधी,असिस्टेंट रेजीडेन्ट इंजीनियर अब्दुल मोतालेब,
पेयजल निगम के सहायक अभियन्ता धर्मेन्द्र प्रसाद कुकरेती ,जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

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