जिलाधिकारी के निर्देश के बावजूद मुख्य द्वार की मरम्मत ना होना दुर्भाग्यपूर्ण…

ऋषिकेश। अठूर भागीरथी स्वयं सहायता समूह द्वारा वर्ष 2019 में नमामि गंगे परियोजना जिला क्रियान्वयन समिति के तहत स्थापित स्मृतिवन ऋषिकेश बीते अगस्त माह में आयी अतिवृष्टि और बाढ़ के बाद से उपेक्षा का शिकार बन गया है। यहाँ अत्यधिक जल भराव की निकासी को संपर्क मार्ग के ह्यूम पाईप उखाड़ दिये गए थे।जो कि आज तक पुनः स्थापित नहीं हो पाए हैं। उखाड़े गए पाइपों का प्रयोग उत्तराखंड जल संस्थान द्वारा यहाँ अर्धनगरीय पेयजल योजना के अंतर्गत निर्मित टंकी तक जाने के लिए प्रयोग किये जाने पर जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य एवं स्मृतिवन के अध्यक्ष पर्यावरण विद विनोद जुगलान ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पहले जल संस्थान द्वारा वाटर ओवर हेड टैंक के निर्माण के समय निर्माण समय भारी वाहनों की आवाजाही से मुख्य गेट सहित सौर ऊर्जा बाड़ को क्षतिग्रस्त किया गया।जो आज तक पुनः नहीं बनाई गई है जबकि जल संस्थान के पास पेयजलापूर्ति योजना के क्रियान्वयन के लिए उपयुक्त बजट होने के बाद भी नगर निगम ऋषिकेश द्वारा लगाए गए ह्यूम पाईप जलसंस्थान द्वारा अपने प्रयोग में लाये जा रहे हैं।उन्होंने कहा कि समिति की मासिक बैठक में समिति अध्यक्षा जिलाधिकारी के निर्देश के बाद भी संस्थान द्वारा मुख्य द्वार की मुरम्मत न कराया जाना जिलाधिकारी की आज्ञा की अवहेलना और गरिमा के प्रति अनादर प्रदर्शित किया जाना है।जो कि दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है।यहाँ जल निकासी न होने और संपर्क मार्ग न बनने के साथ ही तार बाड़ क्षतिग्रस्त होने के परिणामस्वरूप स्मृतिवन को भारी नुकसान हो रहा है।आये दिन नशेड़ी यहाँ सौर ऊर्जा प्रकाश स्तंभों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।उन्होंने कहा की सम्बन्धित विभागों को बेहतर समन्वय स्थापित कर स्मृतिवन के विकास में सहयोगी की भूमिका से स्मृतिवन को नई दिशा दी जा सकती है। जिला गंगा सुरक्षा समिति की आगामी बैठक में मामला जिलाधिकारी महोदया के संज्ञान में लाया जाएगा।लापरवाही बरतने वाले सम्बन्धित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की शिफारिश की जाएगी।उधर वनक्षेत्राधिकारी गंभीर सिंह धमान्दा ने समिति सदस्य की सूचना पर स्मृतिवन का निरीक्षण किया।उन्होने कहा कि योग नगरी होने के साथ ही राष्ट्रीय राज मार्ग के समीप होने के कारण स्मृतिवन में अनेक संभावनाएं हैं।उन्होंने भरोसा दिलाया कि बीते वर्ष की बाढ़ के बाद उत्पन्न हुई बदहाल स्थिति से निबटने के लिए संपर्क मार्ग का निर्माण किया जाना जरूरी है जबकि बाढ़ के बाद से एकत्रित हुए अतिरिक्त जल की निकासी के प्रबन्ध शीघ्र ही कर लिए जाएंगे।स्मृतिवन में सुरक्षा की दृष्टि से वन सुरक्षा कर्मियों की गश्त बढ़ाई जाएगी।निरीक्षण दल में वनक्षेत्राधिकारी ऋषिकेश,नगर निगम के ब्राण्ड अम्बेसडर विनोद जुगलान, अनुभाग अधिकारी वनदारोगा स्वयम्बर दत्त कंडवाल, वनबीट अधिकारी धर्म सिंह राणा,वन आरक्षी सुभाष बहुगुणा,वनकर्मी मित्तर पाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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