अम्मा की है दुनियादारी बक्से में’….हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में बहुभाषी कवि सम्मेलन में कवियों ने लूटी वाहवाही
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देहरादून । संस्कृति विभाग की ओर से सोमवार शाम हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित बहुभाषी कवि सम्मेलन में कवियों ने गीत-ग़ज़लों और कविताओं से समां बांध दिया। श्रोताओं को न केवल हिंदी बल्कि गढ़वाली, कुमाऊंनी, जौनसारी और रंवाल्टी भाषा में कविताएं सुनने को मिली, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा।
कवि सम्मेलन की शुरुआत मां सरस्वती पर दीप प्रज्वलन से हुई और इसके बाद काव्य पाठ का सिलसिला शुरू हुआ। सबसे पहले युवा शायर राजकुमार राज़ ने शेर ‘झूठ कितना भी हो दमदार मगर सच की बुनियाद हिलाने से रहा’ सुनाकर समां बांध दिया।
कुमाऊंनी भाषा के कवि भूपेंद्र बसेड़ा ने जब अपनी कविता ‘आहा कतुक बान हैगी, आहा कतुक स्वान हैगी, देखन-देखने, देखन-देखने, हमोरो उत्तराखण्ड ज्वान हैगी’ से लोगों की वाहवाही लूटी।
श्रीकांत श्री ने उत्तराखंड की महानता को दर्शाता गीत ‘इसी धरा पर भागीरथ ने कठिन तपस्या की थी, और सगर पुत्रों की सारी सरल समस्या की थी, ऋषियों मुनियों ज्ञानी धूनियों ने जहाँ पाया ज्ञान, उत्तराखंड महान हमारा उत्तराखंड महान’ गुनगुना कर तालियां बटोरी।
दर्द गढ़वाली ने संचालन करते हुए अपने दो शेर ‘क्या-क्या चीजें रख रक्खी थी बक्से में, बंद पड़ी थी यादें सारी बक्से में, छोड़ गए बाबू जी जब से ये दुनिया, अम्मा की है दुनियादारी बक्से में’ से खूब दाद पाई। रंवाल्टी कवि महाबीर रंवाल्टा ने अपनी कविता
ढोल बणें, एतरा रिश्ता कसौं त बजौं, नितेर सुदूई सजौं सुनाई, जिसे श्रोताओं ने खूब सराहा। जौनसारी कवि फकीरा सिंह चौहान की कविता ‘सुखो कै सबिया साथी दुखो कै कोई ना आथी, दुख सुख दुईनै साथी जैशी दूसो पंछेंडी राती’ को भी खूब पसंद किया गया। गढ़वाली कवि भूपेंद्र सिंह कंडारी ने ‘जू नहीं जाणदा कि ह्वै उकाल उन्दार, जौन नि बोकिन मौला कन्या, नी लगे मोल-जोल, तौन बणायिन एसी कमरों मां बैठी मेरे पहाड़ की विकास योजनाएं’ सुनाकर खूब वाह वाही बटोरी।
नीरज नैथानी ने अपनी कविता ‘मि जोशीमठ बोलणु छौं कच्चा चिट्ठा खोलणु छौं, बिना आंसू कु डबकणु छौं, तुम्हारी करीं भुगतणु छौं, मि जोशीमठ बोलणु छौं से तालियां बटोरी। जौनसारी कवि डॉ. नंदलाल भारती ने ‘भल माणशो मनखियो, एबे वँ कोइच्छेई संख्ययों, जो लाडकट्टे जौनसारी, अइ करी मी जौनसारी ना जाणी, तिनू माँ बाबाए तिनूवेरी का लोग ख्यो’ सुनाकर वाहवाही बटोरी।
इस अवसर पर अनिल चन्दोला, आवाज़ सुनो पहाड़ों की के संयोजक नरेंद्र रौथाण, भाजपा प्रवक्ता सुरेश जोशी, उमेश कन्नौजिया, भारत चौहान, भुवन प्रकाश बडोनी, प्रेम पंचोली समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।