कथा आयोजन एवं श्रवण करने मात्र से पितरों को होती है बैकुण्ठ की प्राप्ति

ऋषिकेश। नगर निगम क्षेत्र ऋषिकेश के 20 बीघा बापुग्राम में स्थानीय नगरवासियों की ओर से श्रीमद्भागवत कथा का पहली जनवरी से शुभारंभ से पूर्व श्रद्धालुओं ने त्रिवेणीघाट में कलश यात्रा निकाली।कलश यात्रा के बाद मण्डप प्रवेश कर विधि विधान से घट स्थापना की गई। प्रथम दिवस की श्रीमद भागवत की कथा का वर्णन करते हुए कथा व्यास आचार्य शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि श्रीमद कथा परम पावन एवं मोक्षदायिनी है। कथा आयोजन एवं श्रवण करने मात्र से पितरों को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है,तो दूसरी ओर इस कलिकाल में कथा श्रवण से पापों से मुक्ति मिलती है।सच्चे मन और श्रद्धा भाव से कथा सुनने के कारण ही कथा श्रोताओं को श्रद्धालुओं की संज्ञा दी गयी है।उन्होंने कहा कि भगवद नाम श्रवण और सुमिरन करने से जीव जन्म जन्मान्तरों के बंधनों से छुटकारा पा लेता है।इस अवसर पर मुख्य रूप से पधारे भगवद कथा वक्ता वैष्णवाचार्य शिव स्वरूप ने कहा कि युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ साथ अपने संस्कारों के संवर्धन के लिए धार्मिक अनुष्ठान में अवश्य उपस्थिति देनी चाहिए।विशेष रूप से कलश यात्रा में पधारे शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रान्त पर्यावण संयोजक पर्यवनविद विनोद जुगलान ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि की नारी संस्कृति के संरक्षण में अग्रणीय भूमिका निभा रही हैं।जो हमारे राज्य के लिए गर्व की बात है।उन्होंने कलश यात्रा में बड़ी संख्या में उपस्थित मातृ शक्ति का आभार जताया।उन्होंने कहा कि आगामी रविवार 7 जनवरी को कथा विराम और यज्ञ की पूर्ण आहुति के बाद कथा में नियमित उपस्थित रह कर सहयोग करने वाली मातृ शक्ति को व्यास पीठ पर सम्मानित किया जाएगा।

Copyright, Shikher Sandesh 2023 (Designed & Develope by Manish Naithani 9084358715) © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.