तीन दिवसीय कौशलम प्रशिक्षण का समापन…..
1 min read
                देहरादून। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान देहरादून में आयोजित तीन दिवसीय कौशलम प्रशिक्षण का समापन हुआ। यह प्रशिक्षण कक्षा 9 में कौशलम चलाने वाले शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था। समापन अवसर पर डायट प्राचार्य और खण्ड शिक्षा अधिकारी हेमलता गौड़ ने कहा कि प्रशिक्षण में प्राप्त कौशलों और ज्ञान का उपयोग विद्यालय स्तर पर अवश्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कौशलम के अंतर्गत संचालित गतिविधियाँ बच्चों में नेतृत्व क्षमता का विकास करने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक प्रेम लाल भारती ने कहा कि विद्यालय की समय सारिणी में कौशलम हेतु वादन अवश्य रखे जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कौशलम कार्यक्रम बच्चों में उद्यमशील मानसिकता के विकास के लिए जरूरी है। खण्ड शिक्षा अधिकारी विकास नगर विनीता ने आशा व्यक्त की कि कौशलम कार्यक्रम बच्चों में इक्कीसवीं सदी के कौशलों का विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस प्रशिक्षण में सन्दर्भदाता के रूप में डॉ. उमेश चमोला, मीनाक्षी दुबे, गिरीश थपलियाल, मनसा राम सती और सुमिता सकलानी ने योगदान दिया। जिला स्तर पर इस कार्यक्रम का समन्वयन ऋचा जुयाल और ऋतु कुकरेती ने किया। जिला समन्वयक ऋचा जुयाल ने बताया कि कक्षा 10 में कौशलम चलाने वाले शिक्षकों का प्रशिक्षण 12 से 14 नवंबर की अवधि में किया जाएगा और 11 और 12 की कक्षाओं से संबंधित प्रशिक्षण पूर्व में किया जा चुका है। कार्यक्रम समन्वयक ऋचा जुयाल द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा गया कि कौशलम विद्यार्थियों में 21 वीं सदी के कौशल और उद्यमी मानसिकता विकसित करने के लिए एक अच्छा प्रयास है जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो पाएंगे।
तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण में अपने आस पास की समस्याओ की पहचान, उसके विश्लेषण और समाधान को लागू करने से संबंधित रोचक गतिविधियाँ कराई गई। बच्चों में नेतृत्व क्षमता और उत्साह को बढ़ाने के लीडरबोर्ड के उपयोग और कौशलम प्रगति पत्र को ऑनलाइन भरने का अभ्यास भी कराया गया। अंतिम दिवस में प्रतिभागी शिक्षकों के द्वारा विद्यालय के आस -पास अनुभव की जाने वाली समस्याओ, उनके विश्लेषण और समाधान आधारित रोल प्ले और चार्ट के द्वारा किए गए प्रस्तुतीकरण ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा इस अवसर पर उद्यम फाउंडेशन के विशेषज्ञ ममता खत्री और दिनेश सिंह ने भी योगदान दिया। इस प्रशिक्षण में 140 शिक्षकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।