10 सूत्रीय मांगों को लेकर मिनिस्ट्रियल कर्मचारी दिवाली के बाद करेंगे कार्य बहिष्कार

देहरादून। उत्तराखंड जीएसटी डिपार्मेंट में लंबे समय से लटके विभागीय ढांचे के पुनर्गठन को लेकर कर्मचारी पिछले 15 दिनों से काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। आज 17 अक्टूबर को गेट मीटिंग करके अनुशासन तरीके से विरोध प्रदर्शन किया गया।
मिनिस्ट्रियल कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर लामबंद है, 3 अक्टूबर से कर्मचारी चरणबद्ध तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। मांगे पूरी न होने पर कर्मचारियों ने दीवाली के बाद कार्य बहिष्कार किये जाने का निर्णय लिया है।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहें उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जगमोहन नेगी ने बताया कि उत्तराखंड में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले जीएसटी डिपार्मेंट में इन दिनों कर्मचारियों में असंतोष है। उत्तराखंड जीएसटी डिपार्मेंट में कार्यरत मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन के तमाम कर्मचारी इन दिनों अपनी बाहों पर काली पट्टी बांधकर कम कर रहे हैं। यह कर्मचारियों का सांकेतिक विरोध है। ये विरोध चरणबद्ध तरीके से लगातार आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के सबसे ज्यादा रेवेन्यू जेनरेट करने वाले जीएसटी डिपार्मेंट के कर्मचारियों ने बताया सभी विभागों में कम अधिकारियों के ऊपर ज्यादा कर्मचारी होते हैं। जीएसटी एक ऐसा डिपार्टमेंट है जहां पर ज्यादा अधिकारियों के नीचे कम कर्मचारी हैं।
श्री नेगी ने बताया कि एक महीने पहले अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन स्टेट टैक्स कमिश्नर के माध्यम से उत्तराखंड शासन को भेजा है। कर्मचारी मांगे पूरी न होने की वजह से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने के लिए बाध्य हैं। मांगों को लेकर उन्होंने बताया उनकी सबसे प्रमुख मांग विभागीय ढांचे को लेकर है। राज्यकरण से लेकर अब तक विभाग के अधिकारियों के पदों की संख्या तीन बार बढ़ चुकी है. यह उत्तराखंड का अकेला ऐसा डिपार्टमेंट है जहां पर अधिकारियों के पद तो लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन कर्मचारियों के पद उतने ही हैं. यानी विभागीय ढांचा कहता है कि अधिक कर्मचारियों के ऊपर कम अधिकारी होने चाहिए, मगर यहां पर उल्टा देखने को मिल रहा है।
जगमोहन सिंह नेगी ने कहा अब तक का इतिहास है कि जब भी किसी विभाग में पद बढ़ाए जाते हैं तो वह ऊपर से नीचे की तरफ बढ़ाए जाते हैं. अधिकारियों के सापेक्ष ही हमेशा कर्मचारियों के पद बढ़ाए जाते हैं. जिससे वेतन विसंगति और विभागीय ढांचे में किसी तरह की कोई अनियमित ना पैदा हो. उन्होंने बताया यह एकमात्र राज्य का ऐसा विभाग है जहां पर तीन बार केवल 2008 2015 2024 में अधिकारियों के पद बढ़ाए गए हैं. उन्होंने कहा विभाग की इस कार्य प्रणाली से तमाम कर्मचारियों में रोष व्याप्त है. यही वजह है कि आज सारे कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा यदि अभी भी विभाग या शासन इन कर्मचारियों की सुध नहीं लेता है तो दीवाली के बाद सभी कर्मचारी कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने कहा प्रदेश को सबसे ज्यादा रेवेन्यू देने वाले डिपार्टमेंट के कर्मचारियों पर एक परसेंट भी खर्चा नहीं किया जा रहा है. यह सोचने वाली बात है कि जिस विभाग से सरकार को सबसे ज्यादा अर्निंग हो रही है उस पर ही ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
उत्तराखंड राज्य कर मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन की राज्यकर के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेश शर्मा द्वारा बताया गया कि विभाग के सभी मिनिस्ट्रियल कर्मचारी अपनी 10 सूत्री मांगों को लेकर विभागीय अधिकारी और शासन से लगातार मांग कर रहे हैं. इन्हीं मांगों के चलते 3 अक्टूबर से सभी कर्मचारी चरणबद्द तरीके से विरोध दर्ज करा रहे हैं. उन्होंने कहा जीएसटी आने के बाद कर्मचारियों के ऊपर काम का दबाव बढ़ा है. कर्मचारी प्रेशर में रविवार को भी काम करते हैं. इसके बाद भी कर्मचारियों की मूलभूत मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है।