प्रधानाचार्य पदोन्नति परीक्षा बना शिक्षकों की जंग का मैदान

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9 अक्टूबर को घेराव की चेतावनी, 7 अक्टूबर का कोर्ट फैसला तय करेगा राह“
शिक्षकों के दो धड़े, शिक्षा व्यवस्था में गहराता संकट“

देहरादून । राजकीय इंटर कॉलेजों में प्रधानाचार्य की भारी कमी और लंबित भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिक्षकों का गतिरोध अब खुलकर सामने आने लगा है। इसी क्रम में प्रधानाचार्य विभागीय पदोन्नति परीक्षा समर्थन मंच ने आज उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता कर अपना पक्ष रखा।
संगठन के महासचिव डॉ. कमलेश कुमार मिश्रा ने बताया कि समर्थन मंच को प्रदेश के 30 से अधिक विधायकों, मंत्रियों और सांसदों का लिखित समर्थन प्राप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री को भी इस संबंध में सामूहिक पत्र भेजा गया है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि किसी कारण से यह पदोन्नति परीक्षा निरस्त होती है, तो 9 अक्टूबर को शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। वहीं, 5 अक्टूबर को श्रीनगर में प्रस्तावित प्रदर्शन को माननीय उच्च न्यायालय में 7 अक्टूबर को आने वाले फैसले तक स्थगित कर दिया गया है। अदालत के निर्णय के बाद आंदोलन की अगली रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले मंच से जुड़े शिक्षक 2 अक्टूबर को रक्तदान शिविर आयोजित करेंगे और परीक्षा समर्थन में एक घंटे का प्रतीक उपवास भी रखेंगे। दिलचस्प यह है कि अब शिक्षकों के बीच ही इस परीक्षा को लेकर गुटबाजी तेज हो गई है। एक वर्ग जहां परीक्षा के पक्ष में खड़ा है, वहीं दूसरा वर्ग इसके विरोध में आंदोलनरत है। इस खींचतान ने शिक्षा व्यवस्था में नई उथल-पुथल खड़ी कर दी है। इस अवसर पर बृजेश पवार प्रांतीय संयोजक डॉक्टर आकाश चौहान अमित सिंह जयेंद्र सिंह रावत योगेंद्र सिंह नेगी अन्य शिक्षक शामिल रहे।

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