गढ़वाल हितैषिणी सभा पहुंची अपने वरिष्ठ सदस्यों के द्वार

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वर्तमान कार्यकारिणी ने एक नयी पहल करते हुए गढ़वाल हितैषिणी सभा के वरिष्ठ सदस्यों की सुध लेने की योजना *गढ़वाल हितैषिणी सभा पहुंची अपने सदस्यों के द्वार* के तहत आज सभा के *उपाध्यक्ष अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह नेगी जी, महासचिव पवन कुमार मैठानी जी, सांस्कृतिक सचिव अधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह नेगी जी, कार्यकारिणी सदस्य श्री जगत सिंह असवाल जी, श्री गोविन्द राम भट्ट जी व श्रीमती रेनू उनियाल जी* ने सभा अध्यक्ष श्री सूरत सिंह रावत जी के मार्गदर्शन में सभा के सबसे वरिष्ठ व वयोवृद्ध *पूर्व अध्यक्ष श्री उम्मेद सिंह रावत जी* के शतायु ( जन्मतिथि 12 जून 1925 ) होने पर उनको आज उनके सेक्टर-74 Cape Town, Supertech स्थित आवास पर जाकर सम्मानित किया। सम्मान के तहत श्रद्धेय श्री उम्मेद सिंह रावत जी को सभा के लब्ध-प्रतिष्ठित सम्मान *श्रीदेव सुमन वरिष्ठ सदस्य सम्मान -2025* से सम्मानित करते हुए उन्हें पुष्पहार पहनाने के साथ-साथ गढ़ गौरव की प्रतीक उत्तराखंडी टोपी पहनाकर तथा सम्मानस्वरूप शॉल ओढ़ाकर व प्रशस्ति पत्र देकर उनके स्वस्थ रहते हुए दीघार्यु की मंगल कामना की।

हमारे लिए सबसे अधिक प्रसन्नता की बात यह रही कि आपसी बातचीत में सौ वर्षीय श्री उम्मेद सिंह रावत जी ने अपने दौर के साथ रहे साथियों के कुछ नाम तो हमें बताये ही साथ ही उनके हाल-चाल भी पूछा। आदरणीय रावत जी ने ही हमें बताया कि मैं श्री महेशानंद कंडवाल जी के बाद *15 मई 1967 से लेकर 1969 तक सभा का अध्यक्ष रहा।* वे बार-बार उस दौर में महासचिव रहे *श्री खेम सिंह रावत जी* के बारे में पूछ रहे थे। उन्होंने बताया की प्रसिद्ध नाटककार ललित मोहन थपलियाल जी मेरे साथी रहे। जिनका प्रसिद्ध नाटक खाडू लापता है। श्री मेहताब सिंह रावत जी व श्री घनश्याम नौटियाल जी भी उन्होंने जिक्र किया।

श्री उम्मेद सिंह रावत जी अपने समय में भारत सरकार के Export & Import विभाग में उच्च अधिकारी अर्थात *Joint Chief Controller* के पद पर रहे। जिसकी छाप उनके व्यक्तित्व से भी झलक रही थी। रावत जी के बेटे राकेश मोहन जी ने बताया कि मेरे पिताजी सरोजिनी नगर, पंडारा रोड़ व भारती नगर में रहे। रावत जी की इंजीनियर बेटी सुनीता ने बताया कि अपनी नौकरी के दौरान हमारे पिताजी आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, लंदन आदि देशों की खूब यात्रा की।
श्री रावत जी के तीन बेटियां व दो बेटे हैं। रावत जी ने स्वयं उच्च अधिकारी रहते हुए अपने बच्चों को अच्छी तालीम दिलवायी। उनकी दो बेटी डॉक्टर है व एक बेटी इंजीनियर तथा दो बेटे इंजीनियर हैं। बड़ा बेटा राकेशमोहन ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से चीफ इंजीनियर के पद से वीआरएस ले लिया है।

रावत जी के इंजीनियर बेटे राकेश मोहन जी ने हमें बताया कि मेरे पिताजी ने आज से पच्चीस साल पहले पौड़ी स्थित तिमली में अपनी 15 नाली जमीन स्कूल व होस्टल बनाने के लिए दान कर दी थी। दान की हुई जमीन पर आज रावत जी की माता जी के नाम से *राजमती देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज तिमली पौड़ी* चल रहा है। जिसने इसी वर्ष अपने पच्चीस वर्ष पूर्ण किए। श्री रावत जी के बेटा इंजीनियर राकेश मोहन व बेटी इंजीनियर अनिता से मिलकर अच्छा लगा। रावत जी के अधिकतर पोते, बेटा-बेटी वाशिंगटन डीसी-अमेरिका में रहते हैं। ये सभी आज अपने प्रिय श्री उम्मेद सिंह रावत जी का सौंवा जन्मदिन मनाने भारत आये हुए हैं।
रावत जी के सौ वर्ष पूर्ण करने में उनके परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जो कि निश्चल भाव से उनकी सेवा कर रहे हैं। रावत जी तक पहुंचाने के लिए हम सभा के वरिष्ठ सदस्य नब्बे वर्षीय श्री मेहताब सिंह रावत जी का भी धन्यवाद करते हैं।

आज सभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य *सौ वर्षीय श्रद्धेय श्री उम्मेद सिंह रावत जी का सम्मान कर सभा स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही है।* एक तरह से ये हमारी वो महान विभूति हैं जिनके त्याग तपस्या से हमें विरासत में गढ़वाल हितैषिणी सभा व गढ़वाल भवन मिला तथा शताब्दी वर्ष मनाने का मौका मिला। इनकी अनदेखी करने का मतलब अपनी विरासत की अनदेखी करना होगा।

 

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