मेघालय द्वारा उत्तर गारो हिल्स में 516 करोड़ रुपये की जलवायु अनुकूल समुदाय आधारित जल संचयन परियोजना का शुभारंभ

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यह परियोजना राज्य के 12 जिलों में 533 जल संचयन संरचनाओं के निर्माण को देगा समर्थन 
 
 
 मेघालय के मुख्यमंत्री ने कोकनाल जल संचयन संरचना के निर्माण की आधारशिला भी रखी 
 देहरादून। मेघालय में जल सुरक्षा को बढ़ाने और समुदाय की जलवायु सहनशीलता को मजबूत करने के उद्देश्य से, श्री कॉनराड के संगमा, माननीय मुख्यमंत्री ने आज उत्तर गारो हिल्स के मेंडिपाथर कॉलेज क्रिकेट ग्राउंड में एशियाई विकास बैंक द्वारा वित्तपोषित “जलवायु अनुकूल समुदाय आधारित जल संचयन परियोजना” (CACbWHP – ADB) का शुभारंभ किया। यह परियोजना मृदा एवं जल संरक्षण विभाग के अंतर्गत लागू की जाएगी। माननीय मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उत्तर गारो हिल्स के दूरदराज क्षेत्रों का दौरा किया ताकि जमीनी स्तर पर स्थितियों को समझा जा सके और नागरिकों से जुड़ा जा सके।
इस परियोजना के तहत राज्य के सभी 12 जिलों में जलवायु आंकड़ों के संग्रहण और निगरानी के लिए 50 मौसम केंद्र और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियाँ स्थापित की जाएंगी। परियोजना 12 जिलों में कुल 533 जल संचयन संरचनाओं के निर्माण में सहयोग करेगी। ये संरचनाएँ भारी वर्षा और मानसून के दौरान अचानक आने वाली बाढ़ को समाहित करने और प्रबंधन करने हेतु जलवायु सहनशील डिज़ाइन पर आधारित होंगी।
यह परियोजना, जिसकी कुल लागत $62.5 मिलियन (516 करोड़ रुपये) है, 1 करोड़ घन मीटर जल भंडारण की क्षमता विकसित करने, 12,500 हेक्टेयर जलग्रहण क्षेत्रों की सुरक्षा और लगभग 3,297 हेक्टेयर कमांड एरिया को विश्वसनीय सिंचाई सुविधा में परिवर्तित करने का लक्ष्य रखती है।
इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में श्री कॉनराड के संगमा, माननीय मुख्यमंत्री; श्री मार्कुईस एन. मराक, माननीय मंत्री, मृदा एवं जल संरक्षण विभाग; बह पॉल लिंगदोह, माननीय मंत्री, सामाजिक कल्याण विभाग; श्री मार्थन जे. संगमा, माननीय विधायक, मेंडिपाथर निर्वाचन क्षेत्र; श्री रुपर्ट मोमिन, माननीय विधायक, खारकुट्टा निर्वाचन क्षेत्र शामिल थे। प्रमुख अधिकारियों में श्री प्रवीण बक्शी, आईएएस, आयुक्त एवं सचिव, सामाजिक कल्याण विभाग; डॉ. जोराम बेडा, आईएएस, आयुक्त एवं सचिव, मृदा एवं जल संरक्षण विभाग, मेघालय सरकार; और डॉ. अभिषेक सोल्नी, आईएएस, उपायुक्त, उत्तर गारो हिल्स शामिल थे।
 मुख्यमंत्री ने बताया कि यह परियोजना मेघालय राज्य जल नीति 2019 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य राज्य के जल संसाधनों का सतत विकास, प्रबंधन और उपयोग एक सहभागी
दृष्टिकोण से सुनिश्चित करना है, जिससे संवेदनशीलता को कम किया जा सके और एकीकृत जल संसाधन प्रबंधन को बढ़ावा मिल सके।
इस अवसर पर “मेघ एडैप्ट पे” परियोजना की भी शुरुआत की गई, जिसकी कुल लागत ₹47.19 करोड़ रुपये है। यह परियोजना जलवायु अनुकूल समुदाय आधारित जल संचयन योजना का ही एक भाग है, जिसे मृदा एवं जल संरक्षण विभाग द्वारा वनीकरण, मौजूदा वनों के संरक्षण और कृषि भूमि के विकास के लिए लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस परियोजना के माध्यम से समुदाय और सरकार मिलकर वनों की रक्षा करेंगे, खराब हो चुकी भूमि को पुनर्जीवित करेंगे, पारिस्थितिकी तंत्र की सेहत सुधारेंगे, जलग्रहण क्षेत्रों का पुनरुद्धार करेंगे और राज्यभर में हरित आवरण को बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने आप सभी में वही प्रतिबद्धता और ईमानदारी देखी है, और मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि हम जो भी कार्य राज्य और जनता के लिए करेंगे, उसमें मैं अपनी पूरी शक्ति और समर्पण दूंगा। हम सब मिलकर राज्य को बदलेंगे और आगे ले जाएंगे।”
श्री मार्कुईस एन. मराक ने मुख्यमंत्री की राज्य के समग्र विकास के प्रति दृष्टि को रेखांकित करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य है कि वर्ष 2028 तक मेघालय को भारत के शीर्ष 10 राज्यों में स्थान दिलाया जाए। उन्होंने शिक्षा, आधारभूत संरचना और पर्यटन के क्षेत्र में हो रहे सुधारों का उल्लेख किया और कहा कि यदि जल और पर्यावरण का संरक्षण नहीं किया गया, तो यह लक्ष्य प्राप्त करना कठिन होगा। उन्होंने जलवायु अनुकूल योजना और पीएमजीएसवाई कार्यक्रम के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह परियोजना किसानों को कम वर्षा के समय में सहायता देगी और हर जिले को इसका लाभ मिलेगा।
उन्होंने बताया कि लगभग 50,000 परिवारों को इस परियोजना से लाभ मिलेगा और 82% जल जीवन मिशन (JJM) के कार्य पूरे हो चुके हैं। उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि भूमि अधिग्रहण की चुनौतियों के बावजूद शेष कार्य को अधूरा नहीं छोड़ा जाएगा।
डॉ. जोराम बेडा, आईएएस, आयुक्त एवं सचिव, मृदा एवं जल संरक्षण विभाग, मेघालय सरकार ने अपने मुख्य भाषण में इस परियोजना के शुभारंभ को विश्व पर्यावरण दिवस से पहले एक उपयुक्त पहल बताया।
उन्होंने बताया कि गारो हिल्स क्षेत्र में इस परियोजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में जलग्रहण क्षेत्र शामिल किए गए हैं – उत्तर गारो हिल्स में 53, पश्चिम गारो हिल्स में 34, पूर्व गारो हिल्स में 44, दक्षिण पश्चिम गारो हिल्स में 39 और दक्षिण गारो हिल्स में 32। डॉ. बेडा ने बताया कि यह एक समुदाय आधारित प्रयास है और इसका एक प्रमुख घटक “मेघा एडैप्ट पे” योजना है, जिसके तहत प्रति जलग्रहण समिति या ग्राम रोजगार परिषद को लगभग 10 लाख रुपये की
प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि समुदाय को इस योजना के तहत अपनी पसंद के पौधों का रोपण करना होगा।
माननीय मुख्यमंत्री ने “मेघा एडैप्ट पे, एडीबी” योजना के अंतर्गत 87 ग्राम रोजगार परिषदों को चेक वितरित किए, साथ ही पीएमकेएसवाई डब्ल्यूडीसी 2.0 योजना के अंतर्गत 37 स्वयं सहायता समूहों को भी चेक प्रदान किए। इसके अलावा उन्होंने उत्तर गारो हिल्स के रंगमंग्रे गाँव में कोकनाल जल संचयन संरचना के निर्माण की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर श्री मार्कुईस एन. मराक, माननीय मंत्री (मृदा एवं जल संरक्षण), डॉ. जोराम बेडा, आईएएस और संबंधित अधिकारी एवं समुदायजन उपस्थित थे।
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