सीएम धामी ने चारधाम पर जाने वाली दस बसों को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना…..

देहरादून । ऋषिकेश के ट्रांजिट कैंप परिसर में चार धाम यात्रा संचालित करने वाली संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति ने चार धाम यात्रा के शुभारंभ पर कार्यक्रम का आयोजन किया। जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे। मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा पर जा रही 10 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रद्धालुओं से बातचीत की। उनसे ट्रांसिट कैंप परिसर में व्यवस्थाओं के बारे में भी पूछा। मुख्यमंत्री से मिलकर श्रद्धालु काफी खुश और गदगद नजर आए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा इस बार की यात्रा ऐतिहासिक होने जा रही है। सरकार ने पिछले वर्ष की यात्रा से सीख लेकर कई नई व्यवस्थाएं की हैं। जिसमें सबसे पहले ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था को सुधारा गया है। इसके अलावा चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए तमाम सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं। सीएम धामी ने बताया बीते वर्ष 36 दिन की रुकावट के बावजूद 46 लाख श्रद्धालुओं ने चार धाम यात्रा के दर्शन किए थे। इस बार पिछले साल की यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या का रिकॉर्ड टूटेगा। चार धाम यात्रा की सड़कों को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए चकाचक किया गया है। कम समय में श्रद्धालु चार धाम यात्रा पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौरीकुंड से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे की जो योजना पास की है, जब वह धरातल पर उतरेगी तो चारों धाम के साथ हेमकुंड की यात्रा पर जाना और ज्यादा सुविधाजनक होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चार धाम यात्रा को सिंगल यूज प्लास्टिक के लिए प्रतिबंधित किया गया है। इसलिए श्रद्धालु इसका ख्याल रखें. मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चार धाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं से देवभूमि को कचरा मुक्त रखने की अपील की है।
चारधाम यात्रा के विधिवत शुभारंभ के अवसर पर यात्रा ट्रांजिट कैंप परिसर बसों को हरी झंडी दिखाने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चार धाम यात्रा संचालित करने वाली संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति ने अपनी मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति ने कहा चारधाम यात्रा के अलावा परिवहन व्यवसाईयों के पास व्यापार के लिए कुछ नहीं है। चार धाम यात्रा के दौरान होने वाली कमाई से ही परिवहन व्यवसाय अपनी बसों की लोन की किस्त और घर का खर्चा चलाते हैं। यात्रा बंद होने के बाद परिवहन व्यवसाईयों के आगे रोजगार का संकट खड़ा हो जाता है। इसलिए यात्रा के दौरान बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों को उत्तराखंड में पहाड़ चढ़ने की अनुमति न दी जाए। संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष भूपाल सिंह नेगी ने बताया कि अपने इस मांग के लिए वह कई बार शासन प्रशासन का दरवाजा खटखटा चुके हैं। समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

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