समाज और देशहित को दृष्टिपरक पत्रकारिता की आवश्यकता….

जयपुर।  एसोशिएसन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूजपेपर्स ऑफ़ इंडिया द्वारा अयोजित 31 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ सुधि राजीव, वरिष्ठ पत्रकार गोविन्द चतुर्वेदी एवं नारायण बारेठ ने पत्रकारिता शिक्षा को अधिक व्यावहारिक बनाने के साथ ही परिवार, समाज और देशहित में दृष्टिपरक पत्रकारिता को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।

अधिवेशन के द्वितीय सत्र में शनिवार शाम शिक्षा और पत्रकारिता विषय पर चर्चा में वक्ताओं ने कहा कि पत्रकार को जिन्दगी की पाठशाला से सीखते हुए इंसान के चेहरे के पीछे छिपे दर्द को उजागर करना होगा। इस प्रयास में साहित्यकारों को भी समाचारपत्रों से जोड़ने की पहल पुनः शुरू की जानी चाहिए।
डॉ सुधि ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में छात्रों को पत्रकारिता पाठ्यक्रम में निहित विषयों के साथ तकनीक में प्रयोग भी सिखाए जा रहे हैं। इसके साथ ही शोध की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। छात्रों को विभिन्न मीडिया संस्थानों में इंटर्नशिप भी करवाई जाती है। कुलपति ने कहा कि अपनी क्षमता और जानकारी का संपूर्ण उपयोग करने से सफल पत्रकारिता की जा सकती है। पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करने के साथ ही सम्यक संसाधन उपलब्ध कराने के प्रयास किया जा रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार गोविंद चतुर्वेदी ने अपने वक्तव्य में शिक्षा के महत्व को आज के परिप्रेक्ष्य में उपयोगी माना लेकिन प्रारंभिक दौर के उन पत्रकारों को विशेष रूप से रेखांकित किया जिनकी शिक्षा कम थी किंतु दृष्टि इतनी सूक्ष्म थी कि वह बोलकर अपनी खबरों का लेखन करवाते थे। उनकी खबरों पर सरकार सजग हो जाती थी। उनका कहना था कि पत्रकारिता दिमाग की अपेक्षा दिल का काम है और विश्वविद्यालय को गरीब के दर्द को व्यक्त करने वाले पत्रकार तैयार करना चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारहठ के अनुसार आज अखबार व्यापार भी कर रहे हैं यह निश्चित रूप से पत्रकारिता और विशुद्ध पत्रकारिता नहीं है। मीडिया संस्थानों में उद्योगपतियों का निवेश करना चिंता का विषय है। लेकिन आज इस क्षेत्र से साहित्यकार गायब हैं। उन्होंने कहा कि आज स्थिति यह हो गई है की पत्रकार सवाल नहीं कर सकता। नए पत्रकारों को ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
परिचर्चा का समापन इस विचार की स्थापना के साथ हुआ की चुनौतियां हमेशा रहती है और समय के साथ बदलता है। पत्रकार विशेष कर नए पत्रकारों को अपनी नजर पहनी रखकर जनहित के मुद्दे उठाते रहना चाहिए। और इस काम को छोटे और मध्य समाचार पत्र बड़ी जिम्मेदारी से करते हैं
वरिष्ठ पत्रकार अमृता मौर्य ने परिचर्चा का संचालन किया।
परिचर्चा के आरंभ में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल गुप्ता, मुख्य महासचिव डॉक्टर तरुण कुमार जैन और धर्मेंद्र सोनी ने अतिथियों का स्वागत किया।

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