ऋषिकेश में धड़ल्ले से हो रहा एनजीटी के निर्देशों का उलंघन

देहरादून । नमामि गंगे कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा संरक्षण समिति की मासिक बैठक में नदी तटीय क्षेत्र में हो रहे अवैध कब्जों को लेकर समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद डॉ विनोद प्रसाद जुगलान ने मुद्दा सदन में पुरजोर तरीके से उठाया। कलेक्ट्रेट परिसर के नेशनल इन्फॉर्मेशन सेंटर सभागार देहरादून में समिति के नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में समिति सदस्य ने अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से गंगा एवं उसकी सहायक नदियों की अविरलता को बाधित करने वाले संस्थानों सहित व्यक्तिगत तौर पर नियमों के उल्लंघन करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ तुंरत कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। वहीं दूसरी ओर गंगा तटीय क्षेत्र में अवैध निर्माण और भूमि कब्जा करने वालों की बाढ़ सी आगयी है। ऋषिकेश तहसील अंतर्गत पशुलोक विस्थापित क्षेत्र में समुदाय विशेष के द्वारा पुनर्वास सिंचाई विभाग की भूमि पर अवैध कब्जा हटाया गया था साथ ही सिंचाई विभाग द्वारा उक्त भूमि पर तारबाड़ कर भूमि को कब्जे में ले लिया गया था। उक्त भूमि पर एक होटेलियर ने सरकारी तारबाड़ के अंदर गौ संरक्षण की आड़ में डेयरी खोलकर पुनः कब्जा कर लिया है।जबकि दूसरी ओर गंगा तटीय क्षेत्र खादर में कृषि भूमि की खरीद फरोख्त की आड़ में नाले खाले पाटकर साथ ही लघु सिंचाई योजना के तहत निर्मित सिंचाई गूल को क्षतिग्रस्त कर किसानों को परेशान कर कृषि भूमि बेचने पर मजबूर किया जा रहा है। यही नहीं खदरी खड़क माफ में शमशान के लिए संरक्षित पँचायत की भूमि पर भी कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है।भूमाफिया ने सरकारी गूल क्षतिग्रस्त कर किसानों के रास्तों को भी अपनी मनमर्जी से बंद कर प्लाटिंग कर डाली है।विदित हो कि गंगा तटीय क्षेत्र में कृषि भूमि को बिना अनुमति लिए निर्माण करना माननीय एनजीटी के नियमों का सीधा सीधा उलंघन की श्रेणी में आता है।मामले की गम्भीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने समस्या को बैठक के कार्यवृत में सम्मिलित करने और समस्या के निराकरण करने के निर्देश दिए।समिति के नोडल अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह एवं एडीएम कृष्ण कुमार मिश्रा ने संयुक्त रूप से कहा कि यदि किसी भी क्षेत्र में गंगाजी की अविरलता को बाधित करने या तटीय क्षेत्र में कब्जा पाया जाता है तो उस क्षेत्र से सम्बंधित अधिकारी को माननीय न्यायालय जवाब दाखिल करना होगा।इस लिए सुनिश्चित करें कि कहीं पर भी माननीय न्यायालय के आदेशों का उलंघन न होने पाए।बैठक में नगर निगम क्षेत्र में प्रतिबंधित प्लास्टिक की रोकथाम एवं स्वच्छता अभियान पर जोर देने के साथ ही सेप्टेज मैनेजमेंट को मजबूत करने और सिवेज खाली करने वाले टैंकरों पर जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए गए ताकि घरों से जल मल खाली करने वाले टैंकर अपनी मनमानी से कहीं भी टैंकर खाली न कर सकें।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह,एडीएम वित्त एवं राजस्व के के मिश्रा, प्रभागीय वनाधिकारी नीरज कुमार शर्मा,जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार,सहायक नगर आयुक्त ऋषिकेश चन्द्र कान्त भट्ट,एमडीडीए के अधिशासी अभियंता एसएस रावत,उत्तराखंड जल संस्थान ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता हरीश कुमार बंसल,उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी एसएस चौहान,पेयजल निगम के सहायक अभियन्ता सीएस कण्डवाल प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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