डॉ. अर्चना शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि से हुई सम्मानित

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देहरादून । शिक्षा के क्षेत्र में 22 वर्षों के उत्कृष्ट योगदान और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए डॉ. अर्चना सतीश को शिक्षा में मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सेमिनार ‘ज्ञान शक्ति है’ शीर्षक पर आधारित भारत सरकार के कॉर्पाेरेट कार्य मंत्रालय एवं कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय से मान्यता प्राप्त मानद डॉक्टरेट पुरस्कार परिषद द्वारा नई दिल्ली में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में देशभर से कई क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया।
डॉ. अर्चना सतीश ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में जागरूकता फैलाने और छात्रों को सांस्कृतिक, स्काउट एंड गाइड जैसी गतिविधियों में भागीदारी हेतु प्रेरित करने के मेरे प्रयासों का यह सम्मान एक अभूतपूर्व फल है, जिसकी मैंने कभी कल्पना नहीं की थी। यह सम्मान मुझे शिक्षा एवं समाज सेवा के क्षेत्र में और अधिक समर्पण से कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होंने अपने पिता एस निराला जो लोक निर्माण विभाग गोपेश्वर से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत हुए हैं, माता मीना निराला एवं भाई-बहनों सहयोगियों, शुभचिंतकों एवं विशेष रूप से देहरादून जिले की चकराता तहसील स्थित कोटी कनासर विद्यालय परिवार और प्रधानाचार्या सपना तोमर का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में विश्व मानव संरक्षण आयोग की सदस्यता भी डॉ. अर्चना सतीष को प्रदान की गई। इसके लिए उन्होंने आयोग का विशेष धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न भागों से आए प्रतिभाशाली व्यक्तियों को उनके क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में लोकसभा सांसद सुमित्रा खान, दिल्ली पुलिस की अधिकारी किरण सेठी, वरिष्ठ राजनेता डॉ. विजय जॉली एवं एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज के जॉइंट सेक्रेटरी डॉ. आलोक मिश्रा सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।

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