एस.सी.ई.आर.टी. एवं एस.एल.एम.ए. के निदेशकों के राष्ट्रीय सम्मेलन का शानदार आगाज….
1 min read
देहरादून। उल्लास-नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत एस0सी0ई0आर0टी0 एवं एस0एल0एम0ए0 (State Literacy Mission Authority) के निदेशकों का एस0सी0ई0आर0टी0 ओडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन का आज समापन हो गया है। आज उत्तराखण्ड, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश तथा हरियाणा राज्य के प्रतिनिधियों द्वारा उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत किये गये प्रयासो को साझा किया गया। प्रथम सत्र में उत्तराखण्ड राज्य का प्रस्तुतीकरण उत्तराखण्ड में उल्लास कार्यक्रम के राज्य समन्वयक डाॅ हरेन्द्र सिंह अधिकारी द्वारा किया गया। इस सत्र की अध्यक्षता शैलेश कुमार श्रीवास्वत और संचालन डाॅ राकेश गैरोला द्वारा किया गया। उत्तराखण्ड के द्वारा उल्लास कार्यक्रम से संबंधित नवाचारी प्रयासो को साझा करते हुये डाॅ0 हरेन्द्र सिंह अधिकारी ने कहा कि उत्तराखण्ड में नव-साक्षरों के लिए बनाये गये प्राइमर में स्थानीय मेले, त्यौहार व्यक्तित्व और सामाजिक विश्वास को स्थान दिया गया। उल्लास कार्यक्रम को राज्य स्तर पर प्रभावी रूप से संचालन करने के लिए रज्य साक्षरता केन्द्र तथा जिला स्तर पर जिला साक्षरता केन्द्र बनाये गये। नव-साक्षर बुजर्गो को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में कक्षा 9 व 11 के विद्यार्थी तथा डी0एल0एड0 प्रशिक्षुओं के अलावा सेवानिवृत्त शिक्षकों, गृहणियों तथा आंगनवाडी कार्यकत्रियों ने सहयोग दिया। मिजोरम राज्य में उल्लास के अन्तर्गत किये जा रहे प्रयासो के बारे में पी0एल0 नवाते प्रवक्ता एस0सी0ई0आर0टी0 मिजोरम ने बताया कि वर्ष 2011 में मिजोरम की साक्षरता दर 91 प्रतिशत थी और अब यह शतप्रतिशत लक्ष्य की ओर बढ रही है। उन्होने कहा कि नव-साक्षरों से संबंधित प्राईमर का नाम वाजियांन रखा गया है। इसका मिजो भाषा में अर्थ सूर्योदय होता है। इस सत्र का संचालन डा0 राकेश गैरोला द्वारा किया गया तथा अध्यक्षता हेमलता भट्ट प्राचार्य डायट टिहरी द्वारा की गई । हिमाचल प्रदेश में नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे में एस0सी0ई0आर0टी0 हिमाचल प्रदेश सोलन की प्राचार्य डाॅ0 रजनी सांख्यान ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में एक व्यक्ति के द्वारा एक असाक्षर को साक्षर बनाने का कार्यक्रम चलाया गया है। नव-साक्षरों को इस कार्यक्रम से जोडने के लिए स्थानीय भाषा का प्रयोग किया गया है। इस सत्र की अध्यक्षता आशा रानी पैन्यूली सेवानिवृत्त अपर निदेशक एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखण्ड द्वारा की गई तथा संचालन मनोज बहुगुणा द्वारा किया गया। हिमाचल प्रदेश के बाद हरियाणा राज्य के प्रतिनिधि के रूप में डाॅ0 विजेन्द्र गौड़ नोडल अधिकारी एस0सी0ई0आर0टी0 हरियाणा ने बताया कि वर्ष 2021 में हरियाणा की साक्षरता दर 76-6 प्रतिशत रही। असाक्षरों की पहचान करने के लिए उनके परिवार पहचान डाटा का प्रयोग किया गया। सर्वे में उनकी वोटर लिस्ट से सहायता प्राप्त की गई । इस सत्र का संचालन मनोज बहुगुणा तथा अध्यक्षता शैलेष अमोली मुख्य शिक्षा अधिकारी उत्तरकाशी द्वारा कि गई । शैलेष अमोली ने कहा कि आने वाले समय में कृत्रिम बुद्धिमता का स्वरूप भी बदल जायेगा। वह मानवीय संवेदना को पढने में सफल होगा। डा0 सान्त्वना मिश्रा एसोसिऐट प्रोफेसर नीपा (National institute of Educational Planning and Administration) ने कहा कि यूनस्को रिपोर्ट के अनुसार भारत में आज भी 18-12 करोड़ असाक्षर है जिन्हें साक्षरता के साथ-साथ जीवन कौशलो के बारे में प्रशिक्षित किये जाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में उल्लास नई चेतना लेकर आया है। भविष्य में साक्षरता और संख्या ज्ञान के साथ ही जीवन कौशलो के बारे में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये जाने की आवश्यकता है। जनपद स्तर पर उल्लास से संबंधित प्रकाशन सामग्री को पहुँचाने, संसाधनो का क्रियान्वयन करने और स्वयंसेवियों का क्षमता वर्धन के कार्य में जिला शिक्षा अधिकारी की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस सत्र की अध्यक्षता राकेश जुगरान पूर्व प्राचार्य डायट देहरादून तथा संचालन डाॅ0 मोहन बिष्ट द्वारा किया गया।अपर निदेशक एस0सी0ई0आर0टी0 उत्तराखण्ड प्रदीप कुमार रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड की भौगोलिक और सामाजिक सांस्कृतिक विशिष्टताओं पर आधारित विषय वस्तु का समावेश उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के प्राईमर में समाहित किया गया है। उन्होने कहा कि नव-साक्षरों को सीखने -सिखाने की प्रक्रिया आंनददायी वातावरण में की जानी चाहिए। इसमें उनके जीवन के अनुभवों को साझा करने के अधिक से अधिक प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होने आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम धरातल पर अपने उद्देश्य को पूरा करने में सफल होगा।
इस अवसर पर नवभारत साक्षरता कार्यक्रम उत्तराखण्ड के राज्य संदर्भ समूह के सदस्य नरेन्द्र सिंह बिष्ट,डाॅ0 उमेश चमोला, उपेन्द्र भट्ट,विनीत भट्ट,दिव्या नौटियाल, पुष्पा पठोई तथा सुमन बिष्ट के साथ ही डाॅ अतुल कुमार श्रीवास्तव,किरन बहुखण्डी, जगदीश सजवाण,प्रद्युम्न सिंह रावत, डाॅ रमेश पंत, गंगा घुघतियाल,कामाक्षा मिश्रा, डाॅ शक्ति प्रसाद सैमल्टी, डाॅ रंजन भट्ट, डाॅ0 मनोज कुमार शुक्ला,एस0पी0वर्मा,रमेश बडोनी विनोद सिंह चौहान रजत छिब्बर, सौरभ जोशी,विनय उनियाल, दिनेश चौ हान,आलोक प्रभा पाण्डेय, शालिनी गुप्ता,शुभ्रा सिंघल, रेनू कुकरेती, मनोज कुमार महर, नितिन कुमार, कामिनी, रविदर्शन तोपवाल,अरूण थपलियाल,डाॅ दीपक प्रताप सिंह,डाॅ अजय कुमार चौरसिया,भुवनेश्वर प्रसाद पंत, देवराज राणा,प्रवीण चन्द्र, पुष्पा असवाल, सुनील भट्ट, डाॅ विनोद ध्यानी, विमल रावत,खुशहाल सिंह राणा,नीलम पंवार,सुधा पैन्यूली, प्रिया गुसाईं,अनुज्ञा पैन्यूली तथा आशा नकोटी प्रमुख रूप मौजूद रहे।