निर्धन, असहाय, अनाथ बालिकाओं के पंख लगाएगा प्रशासन डीएम का ब्रेनचाइल्ड ‘प्रोजेक्ट नन्दा सुनंदा’

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ड्रॉप आउट बालिकाओं को स्कूल, स्नातक, स्नात्तकोत्तर करवाएगा जिला प्रशासन

परिवार त्रासदी या आर्थिक तंगी अब नहीं रोक पाएगी उड़ान सेः डीएम

जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों के माध्यम से किया जा रहा चयन

देहरादून । जिलाधिकारी सविन बंसल ने गरीब अनाथ असहाय बालिकाओं स्नातक, स्नात्तकोत्तर एवं कौशल शिक्षा की जिम्मेदारी उठाते बालिकाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। इसके लिए डीएम ने बालिकाओं की शैक्षणिक भविष्य संवारने के लिए जनपद में प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ शुरू किया है, जिसमें बालिकाओं के चयन के लिए डनसजपकपेबपचसपदंतल (बहुविषयक) समिति बनाई है, जिससे चयन निष्पक्ष, पारदर्शी एवं वास्तविक हो। इस योजना हेतु 30 बालिकाओं को चिन्हित कर लिया गया है, जिनमें 6 बालिकाओं की अभिलेख की औपचारिकता पूर्ण  कर ली गई है, जिन्हें डीएम जल्द ही चौक वितरित करेंगे। जिलाधिकारी के ‘प्रोजेक्ट नंदा-सुनंदा’ से जिले की गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को न्यूनतम् स्नातक स्तर तक शिक्षित करने एवं कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ा जाएगा।
समिति के सदस्यों द्वारा अग्रिम कार्यवाही किये जाने की सहमति के क्रम में गरीब, अनाथ एवं असहाय तथा अन्य विषम परिस्थितियों में अध्ययन कर रही बालिकाओं को न्यूनतम स्नातक स्तर तक शिक्षित किये जाने एवं कौशल शिक्षा प्रदान करते हुए रोजगार से जोड़ने हेतु कार्ययोजना निर्धारित की गई है।
बालिकाओं का चयन जनता दरबार एवं बहुद्देशीय शिविरों में जनपद में विभिन्न सरकारी कार्यालयों के माध्यम ये प्राप्त प्रार्थना पत्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी के अधीन बालिका गृहों में निवासरत बालिकायें, जनपद की समस्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ती के माध्यम से सर्वे के आधार पर किया जाएगा। जिलाधिकारी सविन बंसल ने यह अभिनव कार्य जनपद नैनीताल में डीएम रहते भी कर चुके है, उक्त प्रोजेक्ट के तहत उन्होने 60 बालिकाओं को शैक्षणिक विकास में समृद्ध, सशक्त, सुदृढ़ कर भविश्य को संवारा है।
जिलाधिकारी का यह अभिनव कार्य जनपद देहरादून के उन बालिकाओं के लिए सपने साकार करने का एक सुनहरा अवसर है, जो आर्थिकीय तंगी, पारिवारिक असहाय के चलते स्कूली शिक्षा छोड़कर अपना जीवन व्यतीत कर रही है। प्रोजेक्ट ‘नंदा-सुनंदा’ उन बालिकाओं की सपनों को साकार करने में जिलाधिकारी का यह प्रयास सार्थक साबित होगी। उक्त अभिनव कार्य का शुभारम्भ इसी सप्ताह शनिवार को एक बालिका को शैक्षणिक कार्य हेतु चौक भेट कर करेंगे।
प्राप्त प्रार्थना पत्रों का सत्यापन सम्बन्धित बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से करवाकर तथा बालिकाओं से सम्बन्धित आवश्यक अभिलेख प्राप्त करते हुए बालिकाओं की जायेगी। समिति बालिकाओं के आर्थिक सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होने के आशय के प्रमाण पत्र के साथ बालिकाओं की अनन्तिम सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय को प्रेषित करेगी। पात्र बालिकाओं का अन्तिम चयन एवं अनुमोदन रू- समिति द्वारा प्राप्त पात्र बालिकाओं की प्रमाणित सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी संकलित कर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के सम्मुख अन्तिम रूप से चयन एवं आर्थिक सहायता प्रदान करने हेतु अनुमोदनार्थ प्रस्तुत की जायेगी।
बालिकाओं की शिक्षा हेतु आर्थिक सहायताः जिला टास्क फोर्स की संस्तुति एवं अनुमोदन के पश्चात् उक्त आर्थिक सहायता शिक्षण शुल्क के रूप में सम्बन्धित विद्यालय/संस्थान के बैंक खाते में ऑनलाईन माध्यम से अन्तरित की जायेगी तथा पुस्तक, ड्रेस इत्यादि अन्य व्यय हेतु धनराशि बाल विकास परियोजना अधिकारी की आख्यानुसार बालिका को सीधे ऑनलाईन माध्यम से अन्तरित की जायेगी। समस्त चयनित बालिकाओं का विद्यालय में पुनः प्रवेश सम्बन्धित क्षेत्र की सुपरवाइजर द्वारा स्वंय करवाया जायेगा तथा इस आशय का प्रमाण-पत्र सम्बन्धित विद्यालय/संस्थान से प्राप्त कर बाल विकास परियोजना अधिकारी के माध्यम से जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रेषित किया जायेगा। बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा सम्बन्धित सुपरवाईजर के माध्यम से बालिका के अध्ययनरत होने सम्बन्धित सत्यापन त्रैमासिक करवाते हुए आख्या जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रेषित की जाएगी।

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