मकर संक्रांति के अवसर पर नई टिहरी में कल्यो अभियान का किया शुभारंभ….

संस्कृति के संरक्षण को होटल व्यवसायी रावत बन्धुओं ने बढ़ाये हाथ….

नई टिहरी। उत्तराखंड के लोक पर्व मकर संक्रांति के अवसर पर समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से होटल व्यवसायी रावत बन्धुओं ने रावत हॉस्पिटैलिटी के बैनर तले बसंत विहार नई टिहरी स्थित होटल में कल्यो अभियान का शुभारंभ किया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त कार्यवाह दिनेश सेमवाल,टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय एवं नमामि गंगे संरक्षण समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद डॉ विनोद जुगलान ने संयुक्त रूप से कलश पूजन एवं रिबन काटकर किया। ग्रीन मेंटर डॉ वीरेंद्र रावत एवं होटल व्यवसायी सुरेन्द्र रावत ने संयुक्त बयान में कहा कि कल्यो गढ़वाल की प्राचीन परंपरा है। जिसमें बहिन बेटियों को वर्ष में चार बार पारंपरिक व्यंजनों की टोकरी स्नेह स्वरूप भेंट की जाती है।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि आचार्य दिनेश सेमवाल ने कहा कि कल्यो की परंपरा अपनी बोली भाषा,वेशभूषा, भवन और भोजन को संस्कारों में जोड़े रखने में सहायक होगी।टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने कहा कि रिंगाल की टोकरियों में पारंपरिक व्यंजनों के आदान प्रदान से न केवल अपने प्रदेश में बल्कि देश विदेश में देवभूमि के व्यंजनों को अलग पहचान मिलेगी।इसके लिए प्रसार के लिए राज्य स्तर पर प्रयास किये जायेंगे।नमामि गंगे अभियान में भारत सरकार द्वारा नामित सदस्य डॉ विनोद प्रसाद जुगलान ने कहा कि लोक पर्व हमारी संस्कृति के संवाहक हैं। अगली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए संस्कृति और प्रकृति का संरक्षण महत्वपूर्ण और जरूरी है। उन्होंने कहा कि होटल व्यवसायी रावत बन्धुओं द्वारा संस्कृति के संरक्षण के लिए किए जाना यह प्रयास समाज में जनजागरूकता में सहयोगी होगा। सामाजिक कार्यकर्ता राकेश राणा ने कहा कि देश की समृद्धि की असली पहल गाँवों से होकर ही जाती है।कार्यक्रम का उद्देश्य मातृ शक्ति सहित युवाओं को अपनी मूल संस्कृति से जोड़ने के साथ ही आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कल्यो अभियान को देश विदेश तक पहुंचाना है।इस अभियान के माध्यम से रावत हॉस्पिटैलिटी द्वारा शुद्धता के साथ पारंपरिक व्यंजनों को तैयार कर महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से देश के अलग अलग प्रदेशों तक पहुंचाया जाएगा।जिसकी पैकिंग रिंगाल की टोकरियों और भीमल के रेशों से तैयार थैलों में की जाएगी।इसके लिए महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित किया जाएगा।कार्यक्रम संयोजक सुरेन्द्र रावत ने कहा कि माघ पर्व पर शुरू की गई यह सांस्कृतिक और पारंपरिक परम्परा ही नहीं हमारे पहाड़ की पहचान और पारिवारिक मूल्यों का प्रतीक है।कार्यक्रम के अंत में कुमारी मनोरमा रावत ने धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम का संचालन शिक्षक मंगल सिंह पंवार ने किया।इस अवसर पर सुरेन्द्र रावत,गजेंद्र,लोकेंद्र,देवेंद्र एवं राजेन्द्र रावत,डॉ भरत सिंह राणा, सत्या राणा, प्रताप नगर ब्लॉक प्रमुख प्रदीप रमोला, गोबिंद सिंह रावत,अतर सिंह पँवार,अमृतम जुगलान, ध्याणि के रूप में उर्मिला पँवार,प्रमिला राणा, राधिका कण्डियाल, द्वारिका राणा, जगदम्बा राणा, चंद्रा देवी सौंदाल, मनोरमा आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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