डॉक्टर टिटियाल के ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकलते वक्त कर्मचारी वो मरीजों की आंखों में थे खुशी के साथ गम के आंसू

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नई दिल्ली। दिल्ली एम्स के राजेंद्र प्रसाद नेत्र अस्पताल में अपने 46 साल के करियर में एक लाख से अधिक सर्जरी करने वाले डॉ. जीवन सिंह टिटियाल रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के दिन ओटी ड्रेस पहने डॉक्टर टिटियाल जब ऑपरेशन थियेटर से बाहर निकलते हैं तो वहां खड़े कर्मचारी और मरीज तालियां बजाने लगते हैं। इस दौरान जहां डॉ. टिटियाल की आंखों में आंसू थे, वहीं लोगों की आंखें भी नम थीं।

समाज के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखने वाले डॉ० जीवन सिंह टिटियाल के उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए सामाजिक संस्था द्वारा उनके जीवन यात्रा की डौक्युमेंटरी तैयार की है जिसके जरिए आम लोगों के प्रेरणा स्रोत का करेगा काम।

हमारे देश के सबसे बड़े प्रतिष्ठित अस्पताल डॉ० राजेन्द्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केन्द्र, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के प्रमुख (चीफ़) प्रोफेसर डॉ० जीवन सिंह टिटियाल  जो कि उत्तराखण्ड के एक छोटे से गांव से आकर, उत्तराखंड और लखनऊ में शिक्षा ग्रहण करने के बाद एम्स में एमबीबीएस, एमडी की शिक्षा डिग्रियाँ लेने
के बाद संकाय सदस्य नियुक्त हुए और 2005 में प्रोफेसर बने। उसके बाद छ: साल पूर्व राजेन्द्र प्रसाद नेत्र विज्ञान केन्द्र के प्रमुख बने। भारत ही नहीं बल्कि देश विदेशों में उन्होंने नेत्र विज्ञान क्षेत्र में सराहनीय कार्य करते हुए हमारे उत्तराखंड का नाम रोशन किया है।

डॉ० जीवन सिंह टिटियाल ओपीडी में एक दिन में 70-80 रोगियों को देखते थे और इतनी ही संख्या में रोगियों के नेत्र शल्य चिकित्सा भी करते थे। उन्होंने विश्व में नेत्र विज्ञान क्षेत्र में दक्षता प्राप्त करते हुए ख्याति प्राप्त की है मानव समाज में रोगियों को अपनी सेवाएं दी। इसी उपलब्धि को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया गया । डॉ० जीवन सिंह टिटियाल के जीवन में सदैव शीतलता, सरलता, सजगता, सहजता और मृदुलता देखी गई। नवम्बर माह में उन्होंने अपने जीवन यात्रा की डौक्युमेंटरी एक भव्य अवसर पर प्रस्तुत की।

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