उम्मीद की आस लिए दर- बदर भटकने को मजबूर है भास्कर जोशी

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देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण को 24 वर्ष हो चुके है परन्तु आज भी आंदोलन के प्रबल दावेदार अपने हक व स्वाभिमान के लिए दर -बदर भटकते हुए सरकारी महकमों के चक्कर लगा रहे है परन्तु आज उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है।

आज ऐसी ही एक शख्सियत दैनिक शिखर संदेश से हुई रूबरू  उनकी आप बीती सुनकर पता चला कि ग्राम पोसढ़ पट्टी सैन्धार तहसील बिरौखाल जिला पौड़ी गढ़वाल निवासी एवं लम्बे समय से आंदोलंकारी रहे भास्कर जोशी की पत्रावली सरकारी विभाग में धूल फांक रही है आज उनके प्रयास सरकारी फाईलों में उलझ कर ही रह गये।

उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग द्वारा जिला प्रशासन को भेजे आदेश पत्र के बावजूद आंदोलंकारी भास्कर जोशी सरकारी सेवाओं से अभी  कोसों  दूर है। हालाँकि उम्र दराज होते हुए भी उनके कदम रुके नही है, आज भी उम्मीद का दामन थामे अपनी मंजिल को और अग्रसर है।

भास्कर जोशी को शासन की तरफ से अब तक राहत मिल जानी चाहिए थी  परन्तु  उनका ये दुर्भाग्य है कि जिला प्रशासन पौड़ी उनके मामले को गंभीरता से नहीं ले पा रहा है।

आज ऐसे ना जाने कितने भास्कर जोशी अपने हक व स्वाभिमान के लिए सरकारी विभागों में चक्कर लगाते हुए दर -बदर भटकने को मजबूर है परन्तु बेबसी व लाचारी की इस तस्वीर को देखने की शासन -प्रशासन के पास आँखे ही नहीं है।

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