विकसित भारत संकल्प यात्रा : चर्चा का विषय बने ड्रोन
1 min readदिसंबर । “भारत सरकार हजारों महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान करेगी। हम अपने कृषि कार्यों के लिए ड्रोन सेवाएं उपलब्ध कराने की पहल करेंगे।
प्रारम्भ में हम 15 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन करेंगे, जो एक मजबूत ड्रोन प्रशिक्षण मिशन को सफल बनाने के सपने को उड़ान देंगे। ”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
(स्वतन्त्रता दिवस भाषण 2023)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस के शुभ अवसर पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में झारखंड के खूंटी से विकसित भारत संकल्प यात्रा (वीबीएसवाई) का उद्घाटन किया। केंद्र सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को जन -जन तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर शुरू की गई इस पहल ने अब एक अभिनव मोड़ ले लिया है, जो कृषि और संबद्ध गतिविधियों में ड्रोन प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित करता है।
वीबीएसवाई, 2.60 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों और 4,600+ शहरी स्थानीय निकायों को कवर करने वाला एक विशाल आउटरीच कार्यक्रम है, जो प्रगति और समावेशिता का प्रतीक बन गया है। जैसे-जैसे यात्रा गति पकड़ रही है, एक उल्लेखनीय पहलू ‘ कृषि परिदृश्य में ड्रोन का एकीकरण’
इसके आकर्षण का केंद्र बन रहा है। कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक के प्रयोग का उद्देश्य किसानों को अत्याधुनिक तकनीक से सक्षम बनाना, उत्पादकता व कृषि संबंधी परम्परागत विधियों को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करना है।
विकसित भारत संकल्प यात्रा अभियान के दौरान आयोजित देशव्यापी लाइव प्रदर्शनों में दर्शकों और किसानों को मंत्रमुग्ध करते हुए ड्रोन इस शो में चर्चा का विषय बन गए हैं। लोग वीबीएसवाई आईईसी वैन और ड्रोन शो का बेसब्री से इंतजार करते हैं, जो शो के सितारे बन गए हैं। आसमान में उड़ती और हवा में गूंजती ध्वनि वाली उड़ने वाली मशीनें दर्शकों, विशेषकर किसानों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं ।
ये प्रदर्शन कृषि में क्रांति लाने में ड्रोन की क्षमता को दर्शाते हैं। इन प्रदर्शनो में कृषि क्षेत्र में किसानो की दक्षता बढ़ाने पर ही फोकस नहीं किया गया , बल्कि कृषि संबंधी गतिविधियों के बारे में सही निर्णय लेने के लिए आधुनिक उपकरणों और नवीनतम जानकारी के साथ किसानो को सशक्त बनाने पर भी ज़ोर दिया गया है।
देश के सभी कोनों में ड्रोन प्रदर्शनों को कृषक समुदाय, विशेषकर महिला किसानों द्वारा काफी सरहाया जा रहा है। केरल से हिमाचल प्रदेश , गुजरात से त्रिपुरा तक ड्रोन प्रदर्शनों के माध्यम से स्पष्ट सन्देश दिया गया कि ड्रोन कृषि में सकारात्मक बदलाव के लिए अत्यंत आवश्यक है।
लाइव प्रदर्शन में उर्वरकों के संतुलित उपयोग को दर्शाया गया, जिसमें अतिरिक्त रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल नहीं करने पर जोर दिया गया । ड्रोन ने नैनो यूरिया, नैनो डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) और अन्य सूक्ष्म पोषक उर्वरकों का छिड़काव किया, जो प्रौद्योगिकी द्वारा कृषि क्षेत्र में लाए गए सटीक महत्वपूर्ण परिवर्तनों को दर्शाता है। यही नहीं, ड्रोन द्वारा कीटनाशक छिड़काव के लाइव प्रदर्शन ने प्रभावी कीट प्रबंधन में इस तकनीक के सकारात्मक प्रभावों से जनता को अवगत करवाया। साथ ही तरल उर्वरकों और कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लाइव प्रदर्शन ने एक ऐसी कृषि पद्धति को दर्शाया जो कि सीमित समय में अत्यधिक उर्वरकों के उपयोग को नियंत्रित करती है ।
नारी शक्ति: प्रभावी ड्रोन तकनीक से जुड़ती महिलाएं
प्रधानमंत्री का यह सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास रहा है कि देश का विकास महिलाओं के नेतृत्व में हो। इस दिशा में एक और कदम उठाते हुए, प्रधानमंत्री ने महिला किसान ड्रोन केंद्र को लांच किया।
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले में एक स्वयं सहायता समूह की सदस्य कोमलापति वेंकट रावनम्मा ने कृषि उद्देश्यों के लिए केवल 12 दिनों में ड्रोन उड़ाने का कौशल सीखा। उन्होंने 30 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए।
जब प्रधानमंत्री ने उनसे कृषि उद्देश्यों के लिए गांवों में ड्रोन को नियोजित करने के के बारे में पूछा तो रावनम्मा ने बताया कि यह पानी से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद करता है और समय दक्षता में भी सुधार करता है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सुश्री कोमलापति जैसी महिलाएं उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं, जो भारत की नारी शक्ति की क्षमताओं पर संदेह करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि में ड्रोन का उपयोग निकट भविष्य में महिला नेतृत्व वाले विकास का प्रतीक बन जाएगा। साथ ही, उन्होंने विकसित भारत संकल्प यात्रा में महिलाओं की भागीदारी के महत्व पर भी प्रकाश डाला।