जुगलान ने ऋषिकेश से संबंधित मामलों को प्रमुखता से उठाया
देहरादून/ऋषिकेश। नमामि गंगे योजना के कार्यों की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक विकास भवन में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव कुमार शाह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।बैठक में गत बैठक में उजागर समस्याओं के निराकरण और कृत कार्यवाही की समीक्षा की गई। बैठक में सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ ही समिति के नामित सदस्य डॉ विनोद जुगलान ने प्रतिभाग करते हुए ऋषिकेश से संबंधित मामलों को प्रमुखता से उठाया।समिति सदस्य ने कहा कि ग्राम सभा खदरी खड़क माफ न केवल गंगा तटीय गाँव के अंतर्गत आता है बल्कि सांसद आदर्श ग्राम होने के बावजूद भी यहाँ स्वच्छता की कमी झलक रही है।जो कि अप्रसन्नता का विषय है।उन्होंने बताया कि पँचायत के वार्ड नम्बर 6 में कूड़ा वाहन 15 अगस्त के बाद से नहीं आया है।ऐसे में स्थानीय या तो घरों का कूड़ा करकट जला रहे हैं या फिर नदी तट पर फेंककर निस्तारण कर रहे हैं। विषय की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने तत्काल ही खण्ड विकास अधिकारी डोईवाला को समस्या के निराकरण के निर्देश दिए।समिति सदस्य ने कहा कि गंगा तटीय क्षेत्र होने के बावजूद भी यहाँ पूजा घाट एवं मुक्ति धाम घाट के निर्माण में देरी हो रही है।जिसका उत्तर देते हुए सिंचाई विभाग के उपखण्ड अधिकारी सहायक अभियंता सुरेन्द्र सिंह श्रीकोटी ने कहा कि दोनों ही घाटों के निर्माण के लिए स्थलीय भौतिक निरिक्षण किया जा चुका है।शीघ्र ही डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत की जाएगी।समिति सदस्य ने ऋषिकेश क्षेत्र में जलमल के निस्तारण के लिए नमामि गंगे योजना के तहत निर्मित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से निकलने वाले ट्रीटेड वाटर के पुनर्प्रयोग सम्बंधित योजना के लम्बित होने से 38 एमएलडी से अधिक जलोत्सरण जल गंगाजी में गिराए जाने का भी विषय रखा ।डॉ जुगलान ने कहा कि करोड़ों लीटर जल के पुनः प्रयोग से जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा साथ ही गंगाजी की निर्मलता भी बरकरार रहेगी।उन्होंने गंगा तटीय क्षेत्र में मुक्तिधाम के लिए प्रस्तावित पँचायत की भूमि पर अवैध अतिक्रमण रोकने की बात कही।जिस पर मुख्य विकास अधिकारी ने संज्ञान लिया।नामित सदस्य पंकज गुप्ता ने प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग पर नगर निगम देहरादून द्वारा शिथिलता बरतने की शिकायत करते हुए कहा कि चालान काटने की कार्याही को गति प्रदान करनी होगी। इसके अतिरिक्त मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने गंगा ग्राम के अंतर्गत हुए विकास कार्यों के सत्यापन सहित जिला गंगा योजना की समीक्षा,घरेलू और अघरेलू सीवर संयोजन,नाला टेपिंग एवं सफाई से सम्बंधित,स्लज वाहन संचालन की समीक्षा के साथ ही सम्बंधित अधिकारियों को विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।मुख्यविकास अधिकारी ने नगर निगम ऋषिकेश को मृत पशुओं के निस्तारण और सी एंड डी वेस्ट सेंटर के लिए भूमि तलाश कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।गौरतलब है कि नवम्बर माह की बैठक में समिति के नामित सदस्य डॉ विनोद जुगलान ने राज्य स्थापना के 24 वर्षों बाद भी तीर्थ नगरी सहित ग्रामीण क्षेत्र में मृत पशुओं के निस्तारण के लिए स्थान न होने का मामला उठाते हुए चिन्ता व्यक्त की थी।बैठक में जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार,नगर निगम ऋषिकेश के सहायक नगर आयुक्त चन्द्र कांत भट्ट,डोईवाला की बीडीओ सोनम गुप्ता,उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल,जल संस्थान के सहायक अभियंता हरीश कुमार बन्सल,सफाई निरीक्षक सचिन रावत,सिंचाई विभाग के जेई दिनेश वर्मन,नामित सदस्य डॉ विनोद प्रसाद जुगलान,नामित सदस्य पंकज गुप्ता उपस्थित रहे।