फिक्की फ्लो उत्तराखंड के ‘वीमेन इन बिजनेस सीरीज’ में सुत्ता की संस्थापिकाएं बनीं प्रेरणा का स्रोत

1 min read

देहरादून  फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर ने अपनी प्रतिष्ठित पहल ‘वीमेन इन बिज़नेस सीरीज़’ के अंतर्गत होटल एलपी रेजीडेंसी, राजेंद्र नगर, देहरादून में एक प्रेरणादायक सत्र का आयोजन किया। उत्तराखंड चैप्टर की चेयरपर्सन डॉ. गीता खन्ना के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध सस्टेनेबल फैशन ब्रांड सुता की संस्थापक और बहनें सुजाता बिस्वास और तानिया बिस्वास ने भाग लिया। इस संवादात्मक सत्र का संचालन जानी-मानी कवयित्री, सांस्कृतिक वक्ता और निरावधि की संस्थापक डॉ. प्राची चंद्रा ने किया। चर्चा का केंद्र महिलाओं द्वारा संचालित उद्यमिता, उद्देश्यपूर्ण ब्रांड निर्माण और आधुनिक समय में हथकरघा की नई परिभाषा था। इस दौरान बिस्वास बहनों ने अपने प्रेरणादायक सफर की कहानी साझा की कृ कैसे उन्होंने अपने पहले के करियर को अलविदा कहकर हस्तकला की दुनिया में कदम रखा और 2016 में सुता की स्थापना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता लुबना मिर्ज़ा और ज्योति राठौर ने की, जो फ्लो उत्तराखंड में हैंडलूम, टेक्सटाइल व हैंडीक्राफ्ट पहल की लीड्स हैं। उन्होंने फ्लो की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बताया कि यह संगठन महिलाओं को व्यापार और हस्तशिल्प के क्षेत्र में सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सुजाता और तानिया ने बताया कि किस प्रकार बचपन में गांवों में बिताई गई छुट्टियां और कारीगरों को काम करते देखना उनके विज़न की प्रेरणा बनी। उन्होंने कहा, “अगर कोई कारीगर इतनी सुंदर चीज़ बना रहा है, तो लोग उसे गरीब क्यों कहते हैं? कारीगरों को केवल अपने काम की गरिमा चाहिए।” इसी सोच से प्रेरित होकर उन्होंने सुता को ऐसा ब्रांड बनाया जो बिचौलियों को हटाकर सीधे बुनकरों से जुड़ता है, जिससे उन्हें बेहतर मेहनताना और पहचान मिलती है।
शुरुआत में यह एक शौक के रूप में शुरू हुआ जो बाद में एक पूर्णकालिक उद्यम बन गया। सुता ने पहले स्कर्ट और सूट जैसे परिधानों से शुरुआत की, लेकिन हावड़ा के एक साड़ी बुनकर से मुलाकात ने उनकी दिशा ही बदल दी। साड़ी की सुंदरता और आराम ने उन्हें प्रभावित किया, और उन्होंने इसे अपने ब्रांड की पहचान बना लिया। आज सुता अपनी हल्की रंगत, खूबसूरत कपड़े और सादगी से भरपूर डिज़ाइन के लिए जाना जाता है।
मंच पर बोलते हुए सुजाता ने कहा, “मैं बहुत अव्यवस्थित हूं और अव्यवस्था में ही पनपती हूं, वहीं तानिया शांत और रचनात्मक हैं कृ यही संतुलन सुता की नींव को बनाता है। हमने कभी सोचा नहीं था कि हम इस दिशा में काम करेंगे, हम बस इस कला को सराहते थे। आज सबसे बड़ी खुशी इस बात की है कि हम एक ब्रांड ही नहीं, बल्कि उन हाथों की गरिमा लौटा रहे हैं जो ये सुंदर साड़ियां बनाते हैं।”
इस पर तानिया ने आगे कहा, “हर सुबह जब मैं सुजाता की बनाई टू-डू लिस्ट देखती हूं, तो लगता है कि ये तो असंभव है कृ लेकिन फिर भी हम वो सारे काम पूरे कर लेते हैं। सुता की शुरुआत उन बचपन की छुट्टियों से हुई जब हमने अलग-अलग संस्कृतियों के बुनकरों को देखा, और इस विश्वास से कि अगर हम बिचौलियों को हटा दें और कारीगरों को अधिक मेहनताना दें, तो हम सच में उनकी ज़िंदगी बदल सकते हैं।”
कार्यक्रम के समापन पर फिक्की फ्लो उत्तराखंड की चेयरपर्सन डॉ. गीता खन्ना ने कहा, “सुजाता और तानिया बिस्वास को मंच पर आमंत्रित करना हमारे लिए सम्मान की बात रही कृ वे सच्चे मायनों में महिला उद्यमिता की मिसाल हैं। उनका सफर यह दर्शाता है कि जुनून, संकल्प और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व से क्या कुछ संभव हो सकता है। फ्लो उत्तराखंड हमेशा ऐसे ही प्रेरणास्पद स्वरूपों को आगे लाने का कार्य करता रहेगा।”
डॉ. प्राची चंद्रा ने बातचीत को बेहद खूबसूरती से आगे बढ़ाते हुए बिस्वास बहनों की उद्यमिता की भावना, रचनात्मक प्रक्रिया और सुता के मूल मूल्यों के बारे में बताया। इस मौके पर उन्होंने अपनी कुछ कविताएँ भी सुनाईं, जिसने इस कार्यक्रम को एक भावनात्मक और व्यक्तिगत स्पर्श दिया।
कार्यक्रम को द शॉलस्टोरी, हैप्पी होम्स दृ क्यूरेटेड होम डेकोर, एलपी होटल्स और निरावधि द्वारा सहयोग प्रदान किया गया। इस अवसर पर पूर्व चेयरपर्सन किरन भट्ट टोडरिया व अनुराधा मल्ला, फ्लो कार्यकारिणी की सदस्याएँ सीनियर वाईस चेयरपर्सन त्रिप्ती बेहल, सेक्रेटरी स्मृति बत्ता, हरप्रीत मारवाह, निशा ठाकुर और मनीत सूरी सहित कार्यकारी टीम और फ्लो उत्तराखंड की अनेक सदस्याएं उपस्थित रहीं।

Copyright, Shikher Sandesh 2023 (Designed & Develope by Manish Naithani 9084358715) © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.