मास्का। रूस एक तरफ कह रहा है कि वह यूक्रेन से युद्ध नहीं चाहता लेकिन दूसरी तरफ वह सीमा पर घायलों के लिए काम आने वाले खून का भंडारण भी कर रहा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका और नाटो के यूक्रेन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) में शामिल न करने का आश्वासन न देने से असंतुष्ट हैं। रूस ने अमेरिका के साथ वार्ता जारी रखने के साथ ही अपने हितों पर कुठाराघात बर्दाश्त न करने की बात कही है। इस बीच अमेरिका और नाटो भी अपनी तैयारियों को धार दे रहे हैं।
जाहिर है, दोनों पक्ष अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं, आगे बढ़े कदमों को ही मजबूत कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की फरवरी में युद्ध होने की आशंका स्थिति भयावह होने की ओर इशारा कर रही है। नाटो के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा है कि यूक्रेन को घेरने के लिए रूस किस तरह से बेलारूस के भीतर सैन्य अभ्यास के नाम पर सैनिक और हथियार बढ़ा रहा है, उस पर हमारी नजर है। हम भी उसी के अनुसार तैयारी कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तालिबान से हर लड़की, महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को पहचानने और बनाए रखने का किया आग्रहसंयुक्त राष्ट्र महासचिव ने तालिबान से हर लड़की, महिला के बुनियादी मानवाधिकारों को पहचानने और बनाए रखने का किया आग्रह पूर्वी यूरोप में सैन्य तैनाती बढ़ाई जा रही है। रूस यूक्रेन पर कई तरफ से कई तरह के हमले करने की कोशिश में है। इनमें यूक्रेन पर साइबर अटैक और वहां सैन्य विद्रोह जैसी स्थिति भी हो सकती है। नाटो महासचिव ने कहा, हम राजनीतिक चर्चा जारी रखते हुए सैन्य तैयारी बढ़ा रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन ने कहा है कि अमेरिका रूसी हमले के तरीकों का आकलन करने में लगा है और उनसे निपटने के लिए तैयारियां भी कर रहा है। रूस जिस तरह से कई तरफ से हमला कर यूक्रेन के कई हिस्सों में युद्ध छेड़ना चाहता है, हम उसी तरह से उसका जवाब देने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिकी सेनाओं के प्रमुख मार्क मिली ने कहा है कि रूस से हमने थम जाने के लिए कहा है लेकिन वह नहीं रुक रहा। अगर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो नतीजे भयावह होंगे और बहुत सारे लोगों की जान जाएगी। रूस और अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो ने अपनी सैन्य तैनाती के आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक इस बीच पोलैंड के प्रधानमंत्री मैटिएज मोराविस्की ने कहा है कि रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन की सैन्य सहायता और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने को लेकर यूरोपीय यूनियन (ईयू) में मतभेद हैं। सभी देश रूस के खिलाफ कार्रवाई में खुलकर सामने नहीं आना चाहते हैं। विदित हो कि जर्मनी और फ्रांस जैसे ईयू के प्रमुख देश बातचीत के जरिये तनाव खत्म करने पर जोर दे रहे हैं। ये देश नाटो के भी सदस्य हैं।