जिला प्रशासन द्वारा खदरी खड़क माफ में विकास योजनाओं को जल्द शुरू किये जाने के दिए निर्देश …..
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ऋषिकेश। जिला गंगा संरक्षण समिति देहरादून की मासिक बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त समिति के नामित सदस्य पर्यावरणविद डॉ विनोद जुगलान द्वारा गंगा तटीय क्षेत्र खदरी खड़क माफ में प्राकृतिक वातावरण को संरक्षित रखते हुऐ विकास योजनाएं तैयार करने का सुझाव दिया गया था। सुझावों का संज्ञान लेते हुए समिति अध्यक्ष जिलाधिकारी देहरादून के निर्देशानुपालन में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह द्वारा संयुक्त निरीक्षण दल को ऋषिकेश रवाना कर समिति सदस्य के साथ मौके का निरीक्षण कर रिपोर्ट तीन दिन के अंदर देने का निर्देश दिया। इसी क्रम में जिला पर्यटन अधिकारी बृजेन्द्र पाण्डेय,उप प्रभागीय वनाधिकारी अनिल सिंह रावत,जिला गंगा संरक्षण समिति के जिला परियोजना अधिकारी रवि कुमार पाण्डेय,वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश
जी एस धमानंदा,समिति सदस्य डॉ विनोद जुगलान,जल संस्थान के उपखण्ड अधिकारी राजेश चौहान,ग्राम प्रधान खदरी खड़क माफ संगीता थपलियाल सहित संयुक्त दल ने विभिन्न स्थानों का निरीक्षण कर प्रकृति सम्मत योजनाओं के क्रियान्वयन की संभावनाएं तलाशी। मौके पर उपस्थित जिला पर्यटन अधिकारी बृजेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि सम्मानित सदस्य द्वारा योजनाओं विकास का सुझाव स्वागत योग्य है। यहां गंगा तटीय क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं।जिनमें खदरी खड़क माफ में ग्राम पंचायत द्वारा स्थापित अमृत सरोवर में नौकायन के सुझाव पर वरीयता क्रम में विचार किया जाएगा।ग्राम प्रधान संगीता थपलियाल ने अमृत सरोवर के निकट ग़ज़ीबों हट्स निर्माण का सुझाव के साथ चेंजिंग रूम निर्माण का आग्रह किया।जबकि समिति सदस्य द्वारा लक्कड़ घाट के निकट कंजर्वेटरी पार्क स्थापना के सुझाव पर संयुक्त निरीक्षण दल द्वारा मौका मुआयना किया गया।उपप्रभागीय वनाधिकारी अनिल सिंह रावत ने कहा कि केजर्वेटरी पार्क की स्थापना से पूर्व गंगा जी की बाढ़ से सुरक्षा को तटबंध निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 26 एमएलडी के निकट बर्ड वाचिंग प्वाइंट की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है यहां ऑक्सीडाइजेशन पॉन्ड्स में ग्रीट अग्रिट,सुर्गाभ,जल मुर्गी,बत्तख,जल काग जैसे पक्षी पहले से ही उपलब्ध हैं।समिति सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने कहा कि खाली पड़े तालाबों पर इनके अतिरिक्त राज्य स्तरीय मत्स्य पालन प्रशिक्षण केंद्र और नौकायन प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना से राज्य के विकास को गति दी जासकती है।मौके जिला पर्यटन अधिकारी,उप प्रभागीय वनाधिकारी,जिल परियोजना अधिकारी, वन क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश,वन दरोगा अवतार सिंह रावत,ग्राम विकास समिति अध्यक्ष शान्ति प्रसाद थपलियाल आदि मौजूद थे।