भूत झोलकिया मिर्च की खेती बन सकती है राज्य की कृषि आर्थिकी का आधार : डॉ विनोद जुगलान

पंतनगर। बीते सितंबर में न्यूयार्क सिटी के क्लाइमेट वीक कॉन्फ्रेंस में अंतर्राष्ट्रीय क्लाइमेट एक्शन लीडरशिप अवार्ड 2025 से सम्मानित पर्यावरणविद् डॉ. विनोद प्रसाद जुगलान ने बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड में वन्यजीवों से फसल क्षति को देखते हुए लोग खेती से विमुख हो रहे हैं। जिसके चलते न केवल पर्वतीय किसानों की आर्थिकी प्रभावित होती है, बल्कि पलायन भी बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर असम की विश्व प्रसिद्ध सबसे तीखी भूत झोलकिया मिर्च की खेती राज्य की आर्थिकी का आधार हो सकती है। इसके तीखेपन को डेढ़ लाख एसएचयू दर्ज किया गया है। इससे आतंकवादी निरोधक बम भी बीएसएफ ने निर्मित किया है। उन्होंने कहा कि हमें वन्यजीवों के रहते हुए ही उत्तराखण्ड में खेती के नवाचार को को बढ़ावा देना होगा।डॉ जुगलान ने जोर देते हुए कहा कि पहाड़ में विकास की योजनाएं और नीतियां भौगोलिक स्थिति और पहाड़ के अनुरूप बनाईं जानी चाहिए। योजनाओं के क्रियान्वयन से पूर्व उस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति और पर्यावरण का अध्ययन किया जाना नितांत आवश्यक है।
यह बात अंतर्राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त पर्यावरणविद डॉ विनोद प्रसाद जुगलान ने
पंतनगर जीबी पन्त विश्वविद्यालय के नॉर्थ जोन अन्वेषण 2025 में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शोधार्थियों एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कही।आईयू द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में कृषि विज्ञान एवं संबद्ध विषयों के थीम समन्वयक अधिष्ठाता कृषि डाॅ. सुभाष चंद्र ने बताया कि अन्वेषण में 25 से अधिक प्रतिभागी टीमों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम पुरस्कार लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, द्वितीय पुरस्कार बैनेट यूनिवर्सिटी एवं दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और तृतीय पुरस्कार शारदा यूनिवर्सिटी ने प्राप्त किया। सोशल साइंस, ह्यूमिनिटीज, बिजनेस मैनेजमेंट एवं लॉ की थीम समन्वयक डीन सामुदायिक विज्ञान डाॅ. अल्का गोयल ने बताया कि 15 से अधिक टीमों ने भाग लिया। जिसमें प्रथम पुरस्कार शारदा यूनिवर्सिटी, द्वितीय ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी और तृतीय पंतनगर विवि ने प्राप्त किया। इंटरडिसिप्लिनरी रिसर्च के थीम समन्वयक डीन पीजीएस डाॅ. लोकेश वाष्र्णेय ने बताया कि 20 से अधिक टीमों ने प्रतिभाग किया। जिनमें प्रथम पुरस्कार एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, द्वितीय इंटीग्रल यूनिवर्सिटी और तृतीय दयालबाग एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने प्राप्त किया। इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी के थीम समन्वयक अधिष्ठाता प्रौद्योगिकी डाॅ. एसएस गुप्ता ने बताया कि 22 से अधिक टीमों ने भाग लिया। जिनमें प्रथम पुरस्कार स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ, द्वितीय पंतनगर विवि और तृतीय एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा को मिला। हेल्थ साइंस एंड एलाइड साइंस के थीम समन्वयक डीन वेटरिनरी डाॅ. एएच अहमद ने बताया कि 18 से अधिक टीमों ने भाग लिया। जिनमें प्रथम पुरस्कार गुरुकाशी यूनिवर्सिटी, द्वितीय गुरु गोविंद सिंह त्रिसेंटेनरी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम और तृतीय पंतनगर विवि ने प्राप्त किया। बेसिक साइंस के थीम समन्वयक डीन सीबीएसएच डाॅ. आरसी श्रीवास्तव ने बताया कि 20 से अधिक टीमों ने भाग लिया। जिनमें प्रथम पुरस्कार लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, द्वितीय गुरु गोविंद सिंह त्रिसेंटेनरी यूनिवर्सिटी गुरुग्राम और तृतीय बैनेट यूनिवर्सिटी को मिला। इसके अलावा सभी थीम समन्वयकों एवं सह समन्वयकों को अतिथियों ने सम्मानित किया।

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