रोजगार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन और हितधारकों से सुदृढ़ संवाद पर देहरादून में कार्यक्रम का आयोजन

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भविष्य निधि कार्यालय देहरादून के कॉन्फ्रेंस हॉल में किया गया सेमिनार का आयोजन

देहरादून । प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, जन-जागरूकता एवं हितधारकों के साथ संवाद को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से भविष्य निधि कार्यालय, देहरादून के कॉन्फ्रेंस हॉल में सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एस. के. संगमा, अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय), दिल्ली एवं उत्तराखंड द्वारा की गई। अपने संबोधन में एस. के. संगमा, अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय) ने उपस्थित अधिकारियों एवं नियोक्ताओं का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना की रूपरेखा, उद्देश्यों एवं इसके अंतर्गत उपलब्ध प्रोत्साहनों पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह योजना नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन हेतु प्रोत्साहित करने और युवाओं को औपचारिक क्षेत्र से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि योजना के सफल क्रियान्वयन से सामाजिक सुरक्षा तंत्र को मजबूती मिलेगी और औद्योगिक विकास को भी गति प्राप्त होगी।
कार्यक्रम के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून द्वारा योजना से संबंधित सभी पहलुओं को सम्मिलित करते हुए एक विस्तृत वीडियो प्रस्तुति एवं पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति में योजना की पृष्ठभूमि, पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया, लाभ की शर्तें, समय सीमा एवं पोर्टल पर पंजीकरण की विधि पर विस्तृत जानकारी दी गई। इसमें यह भी बताया कि क्षेत्रीय कार्यालय, देहरादून में इस योजना के अंतर्गत अभी तक 1163 प्रतिष्ठानों का पंजीकरण हो चुका है जिसमें 14,538 पहली बार के सदस्य एवं 43,271 पुनः ज्वॉइन करने वाले हैं।
इसके उपरांत विश्वजीत सागर, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त देहरादून ने नियोक्ताओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देते हुए योजना के तकनीकी एवं व्यावहारिक पहलुओं को सरलता से समझाया। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का देहरादून कार्यालय योजना के सुचारू क्रियान्वयन हेतु नियोक्ताओं को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगा। सेमिनार में उपस्थित नियोक्ताओं ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के संवादात्मक कार्यक्रमों से योजनाओं की बेहतर समझ विकसित होती है तथा उनके प्रतिष्ठानों में योजनाओं के क्रियान्वयन में सहजता आती है। उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं के लिए औपचारिक रोजगार के अवसर बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।
समापन सत्र में एस. के. संगमा, अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय), दिल्ली एवं उत्तराखंड ने कहा कि प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। उन्होंने नियोक्ताओं से आग्रह किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस योजना का लाभ उठाएं और अपने प्रतिष्ठानों में नए रोजगार अवसर सृजित करें। इस दौरान उन्होंने कर्मचारी नामांकन योजना-2025 के बारे में भी बताया जिसके तहत नियोक्ताओं को 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर, 2025 के बीच ईपीएफ कवरेज से छूटे हुए पात्र कर्मचारियों को स्वेच्छा से नामांकित करने और कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 के तहत उनके पिछले अनुपालन को नियमित करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करती है। इसका उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ावा देना और पूर्व नियमितीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाना है। यह योजना 1 नवंबर, 2025 से 30 अप्रैल, 2026 तक छह महीने के लिए खुली रहेगी। इस अवसर पर प्रमुख रूप से विश्वजीत सागर, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून, मनीष सिंह, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-नई दिल्ली, उदित साह, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-द्वितीय, मोहम्मद जैद, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-द्वितीय, एवं अनिल राठी, कर्मचारी प्रतिनिधि, क्षेत्रीय समिति उत्तराखंड शामिल रहे। इसके अतिरिक्त मुकेश रावत (मैसर्स ओएनजीसी), दीपक राणा (ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी), मयंक शर्मा (अलायंस ग्रुप), नितिन (उत्तराखंड वन विकास निगम), भूपेन्द्र सिंह (गार्डवेल सिक्योरिटी सर्विस), प्रशांत चौधरी (आईटीसी) एवं अन्य नियोक्ता उपस्थित रहे।

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