कुंभ में धर्मनगरी को मिलेगी रिंग रोड की सौगात….

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स्नान पर्वों पर भीड़ नियंत्रण में भी बनेगी मददगार…..

हरिद्वार । धर्मनगरी की धारण क्षमता के अनुरूप व्यवस्था बनाने की पहल में एक कदम रिंग रोड का भी अब पूरा होने वाला है। वर्ष 2027 के कुंभ को लेकर बने प्लान के तहत अब जल्द ही रिंग रोड पर आवागमन शुरू हो जाएगा। इस रोड का निर्माण पिछले तीन वर्षों से ज्यादा समय से चल रहा है। विभागों का दावा है कि रिंग रोड कार्य अर्धकुंभ से पहले पूरा होगा। फोरलेन और एलिवेटेड फ्लाईओवर भूपतवाला के साथ चंडी घाट पर दूसरे पुल के निर्माण के बाद हरिद्वार के लिए सबसे बड़ी सौगात रिंग रोड होगी। इसे राज्य गठन के 25 वर्षों से भी जोड़ सकते हैं जो विकास के सतत प्रयास में सबसे अधिक प्रत्यक्ष रूप से सामने हैं।
रिंग रोड में खास बात है कि बिना धर्मनगरी की धमनियों को चोक किए यह मार्ग शहर को तो देखेगा लेकिन कहीं से बाधा नहीं बनेगा। जिन गांवों के आस-पास से भी गुजर रहा है वहां भी यह मार्ग केवल पोल और पिलर के सहारे ऊपर-ऊपर गुजरेगा। इस मार्ग से न केवल यूपी, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल और पंजाब के यात्रियों व पर्यटकों को लाभ मिलेगा, बल्कि बड़े स्नान पर्व पर इसी मार्ग से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा। रिंग रोड की सबसे बड़ी विशेषता इसका ढांचागत आकर्षण है। यह मार्ग उन वाहन चालकों को विशेष लाभ देगा जिन्हें दिल्ली, नोएडा, हरियाणा और यूपी से आकर हरिद्वार-नजीबाबाद हाईवे (नैनीताल, हल्द्वानी के लिए) की ओर जाना होता है। यात्री बहादराबाद से सीधे रिंग रोड के माध्यम से 15 किलोमीटर की दूरी तय करके कांगड़ी से जुड़ जाएंगे। यहीं नहीं इसमें विशेष आकर्षण का केंद्र रेलवे लाइन पर एक्कड़ के पास बना पुल और गंगा नदी के ऊपर बना करीब ढाई किलोमीटर से ज्यादा लंबा ओवरब्रिज होगा। रिंग रोड से गुजरने वाले वाहन सवार आठ फ्लाईओवर, एक रेलवे ओवर ब्रिज, गंगा नदी पर बने 2.50 किलोमीटर पुल से होकर धर्मनगरी की पूरी भव्यता भी देख सकेंगे। रिंग रोड का कार्य 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है। शेष कार्य एनएचएआई अर्धकुंभ से पहले कार्य पूरा करेगा। बाहरी राज्य से आने वाले वाहन चालक बहादराबाद टोल प्लाजा से दो किमी की दूरी तय कर रिंग रोड पर जा सकेंगे। इस बीच सिर्फ एक प्वाइंट जगजीतपुर के बीच बनाया गया है जहां से रिंग रोड पर उतरने और चढ़ने की सुविधा होगी। वहीं कांगड़ी के वन चौकी के पास रिंग रोड खत्म हो जाएगी। इसका सीधा संपर्क हरिद्वार नजीबाबाद हाईवे से होगा। नजीबाबाद से आने वाले वाहनों का यह सुविधा मिलेगी कि वह बिना धर्मनगरी में प्रवेश किए ही दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, पंजाब या अन्य राज्यों में जा सकेंगे। सुविधा यह होगी कि वह हरिद्वार की भव्यता, गंगा के दूर के दृश्य और दो शक्तिपीठ माता मनसा देवी और चंडी देवी के दर्शन भी कर सकेंगे।

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