अन्नकूट महोत्सव को भक्तिपूर्वक और आनंदपूर्वक मनाना चाहिए : श्री महंत विष्णु दास

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हरिद्वार । हरिद्वार की प्रसिद्व धार्मिक संस्था उछाली आश्रम में अन्नकूट महोत्सव श्रद्वा,हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस दौरान भगवान को 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाया गया। दोपहर को श्रद्वालुओं को प्रसाद स्वरूप व्यजनों का वितरण किया गया। उछाली आश्रम परमाध्यक्ष श्रीमहंत विष्णु दास महाराज ने बताया कि अन्नकूट महोत्सव का अपना महत्व है।
उन्होने कहा कि अन्नकूट पर्व मनाने से मनुष्य को लंबी आयु तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है साथ ही दारिद्रय का नाश होकर मनुष्य जीवनपर्यंत सुखी और समृद्ध रहता है। ऐसा माना जाता है कि यदि इस दिन कोई मनुष्य दुखी रहता है तो वह वर्षभर दुखी ही रहेगा। इसलिए हर मनुष्य को इस दिन प्रसन्न रहकर भगवान के प्रति समर्पित करते हुए अन्नकूट महोत्सव को भक्तिपूर्वक तथा आनंदपूर्वक मनाना चाहिए। अन्नकूट महोत्सव में 56भोग की परंपरा का उल्लेख करते हुए श्री बिष्णु दास महाराज ने कहा कि यह केवल खाने-पीने की चीजें अर्पित करने तक सीमित नहीं है,बल्कि इसका आध्यात्मिक और सामाजिक महत्व भी बहुत गहरा है. इसे अर्पित करने से भक्तों को घर में और जीवन में सुख,शांति,समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. यह परंपरा यह संदेश भी देती है कि भक्ति केवल मन से या शब्दों में पूजा करने तक सीमित नहीं होती,बल्कि समर्पण और सेवा भाव से भोग अर्पित करना ही पूर्ण भक्ति माना जाता है। इस मौके पर सैकड़ों की तादाद में श्रद्वालुओं ने प्रसाद ग्रहण किये। अन्नकूट महोत्सव के दौरान संत पुनीत दास,अमन दास सहित समाजसेवी,स्थानीय श्रद्वालु भक्तों के साथ ही कई प्रदेशों से आये श्रद्वालु भी मौजूद रहे।

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