आस्था कु प्रतीक सुरकंडा देवी मंदिर……

लोकप्रिय लेखिका अनिता नैथानी ढौंडियाल
सुरकंडा पहाड़ टीरी जिला क पच्छिम मा २७५० मीटर क ऊंचैं म सुरकंडा मंदिरौ तैं परसिद च यु मसूरी चंबा रस्तम धनोल्टी बटी ८ किमी अर नरेन्द्र नगर बटी करीब ६१ किमी दूर च। जिला मुख्यालय नै टीरी बटी ४१ किमी दूर चंबा मसूरी रस्तम कद्दुखाल नौ कि जगा च जख बटी करीब २ ,५ किमी कि पैदल चड़ै चड़ी कि सुरकंडा देवी क मंदिर पौंछे जै सकदु। सुरकंडा देवी कु मंदिर क चारों तरफ घैंणू जंगल च।यखौ सुंदर वातावरण घुमुण वालौं तैं भौत पसंद औंद। यखम बटी देहरादून, ऋषिकेश, चकराता, प्रतापनगर अर चंद्रबदनी क सुंदर नजारा दिखेंदन।यख कै तरां क रंग बिरंगा फूल अर भौत जड़ी बूटी भी मिलदन। पश्चिमी हिमालै का कुछ पक्षी भि दिखेंदन।हर साल मै जून म भौत तीर्थयात्रियों दगड़ यख गंगा दशहरा मेला हैंसी खुशी मनये जांद। सुरकंडा माता कु नै मंदिर रोंसली क डालौं क बीचम जु कुयेड़ा म भौत बड़िया दिखेंदु अर साल भर भक्त ,घुमण वाला यख पहुंचदन।
इतिहास
पुरणी कान्यूं मा सती भगवान शिव की पत्नी अर राजा दक्ष कि बेटी छै।दक्ष तैं अपरी बेटी क पति क रुप म भगवान शिव पसंद नि छा।राजा दक्ष न एक बार यज्ञ मा भगवान शिव तैं नि बुलै।सती तैं शिवजी बेजत्ती सहन नि ह्वे अर वीन हवन कुंड म हि फाल मार दे। भगवान शिव तैं जब पता लगी त उ भौत दुखी ह्वेन अर सती कु जल्यूं शरीर कांद मा रखी हिमालै तरफ चल ग्यनीं। भगवान शिव कु गुस्सा अर दुख तैं खत्म करणू अर दुनिया तैं शिव का तांडव से बचाणू बिष्णु भगवान न अपरा सुदर्शन चक्र से सती कु जल्यूं शरीर काट दे।सती क शरीरा ५१ भाग जैं जैं जगा प्वण्नी बख बख पवित्र शक्ति पीठ स्थापित ह्वेनी। जैं जगा सती कु मुंड प्वाड़ी वा सिरकंडा बुलै गी जु अब सुरकंडा नौ से प्रसिद्ध ह्वे।
कनै पौंछे जाव
सुरकंडा कै शैरों बटी सड़का रस्ता से जुड़्यूं च। चंबा बटी टैक्सी बुकिंग कि सुविधा भि च। मसूरी बटी सुरकंडा, धनोल्टी अर आसपास जगौं तैं टैक्सी मिल जांद।हरादून नजदीक रेलवे स्टेशन च।जु यख बटी ६६ किमी दूर च देहरादून बटी दून एक्सप्रेस अर दिल्ली बटी देहरादून शताब्दी अर जन शताब्दी जन नियमित ट्रेन उपलब्ध छन। ज्यादा तर रेल गाड़ी दिल्ली बटी मिल जांदीन।
हवै जाजौ तैं जौलीग्रांट हवै अड्डा जुयख बटी ९४ किमी दूर च।

Copyright, Shikher Sandesh 2023 (Designed & Develope by Manish Naithani 9084358715) © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.