सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए एवं गंभीर रूप से घायल हुए लोगों को किया याद
1 min readपद्मश्री डॉ. संजय एवं उनकी टीम पिछले 25 वर्षों से चला रही सड़क सुरक्षा अभियान
देहरादून । संजय ऑर्थाेपीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर और सेवा सोसायटी के तत्वावधान में दून विहार, जाखन, राजपुर रोड, देहरादून में हर साल की तरह इस साल भी सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए विश्व स्मरण दिवस 2024 का आयोजन किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए एवं गंभीर रूप से घायल हुए सभी लोगों को याद करना और सड़क यातायात पीड़ितों और उनके परिवारों को मंच प्रदान करना है। पद्मश्री डॉ. संजय तथा उनकी टीम पिछले लगभग 25 सालों से सड़क सुरक्षा के प्रति एक अभियान चला रखा है। वह समय-समय पर प्रदेश एवं देश के शिक्षण एवं सामजिक संस्थाओं के माध्यम से लोगों को सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले वाले दुष्परिणामों के प्रति जागरूकता फैलाते रहते हैं। इसी के अंर्तगत मार्चूला में हुई बस दुर्घटना और देहरादून में हुई कार दुर्घटना के मृतकों के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
वरिष्ठ ऑर्थाेपीडिक सर्जन पद्मश्री डॉ. संजय ने बताया कि हर साल अपने देश में लगभग पाँच लाख दुर्घटनाऐं होती हैं, जिसमें लगभग डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है और लगभग इतने ही लोग अच्छे इलाज के बावजूद स्थाई या अस्थाई रूप से विकलांग हो जाते हैं और सड़क दुर्घटनाओं का दंश जीवन भर झेलते रहते हैं। यदि दुर्घटनाओं के कारण का आंकलन करें तो ओवरलोडिंग, ओवरस्पीडिंग, ओवरटेकिंग सड़क दुर्घटनाओं के मुख्य कारण हैं। इसके अतिरिक्त नींद का अभाव, नशे का प्रभाव, थकान का दबाव एवं वाहन चलाते समय मोबाइल फोन का प्रयोग करना आग में घी का काम करते हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व जस्टिस हाई कोर्ट श्री राजेश टंडन ने कहा कि स्वयं को कानून के समर्थन के रूप में नियमों का पालन करें और रैश ड्राइविंग करने से बचें। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मेडिटेसन एक कारगर उपाय होगा जिसके लिए डॉ. संजय को मेडिटेसन के कार्यक्रम को चलाने का सुझाव दिया।
प्रो. विशाल सागर ने कहा कि सोशल मीडिया एक ध्यान भटकाने का काम कर रहा है जिसने समाज की परिभाषा ही बदल दी है। सभी लोग समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें और अपनी ऊर्जा को एक सार्थक दिशा में लगाऐं। आईएएस प्रमोद कुमार, एसपी सिटी, देहरादून ने कहा कि यह केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है बल्कि हम सब की जिम्मेदारी है कि हम सब मिलकर दुर्घटनाओं को कम करें। उन्होंने सभी से आग्रह है कि आप सभी नशे से दूर रहें और सड़क यातायात नियमों का पालन करें। डॉ. अश्विनी कांबोज ने कहा कि आज के युवाओं में ओवर स्पीडिंग करने की प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है जिसको समय रहते रोक लगाने की आवश्यकता है। ऑर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. प्रवीण मित्तल ने कहा कि क्योंकि हमारा देहरादून शैक्षणिक संस्थानों से भरपूर है और यहां पर काफी मात्रा में युवा लोग रहते हैं। आप शराब पीकर वाहन न चलाऐं और इस तरह की आदतों को बचपन में ही सिखाया जाना चाहिए। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय ने कहा कि अभिभावकों के लिए यह बहुत ही दुखद बात है। हमें ऐसी दुर्घटनाऐं समय-समय पर देखने को मिलती है परंतु हम इनसे कुछ सीखते नहीं है जो कि बड़े दुर्भाग्य की बात है।
ऑर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. एस. एन. सिंह ने कहा कि वाहनों में चाहे कितना भी सुधार हो जब तक हम स्वयं में सुधार नहीं ला सकते तब तक हम इस तरह की दुर्घटनाओं में कमी नहीं ला सकते हैं। सभी को पुलिस का, अभिभावकों का और समाज का भय होना चाहिए। देन विहार कॉलोनी की अध्यक्षा श्रीमती जैन ने कहा कि यह एक ऐसी भयानक पीड़ा है जिसे कोई भी व्यक्ति जीवन भर नहीं भूल सकता। आज के युवा जोश में एक क्षण की प्रतिस्पर्धा में पूरी जिंदगी खत्म कर देते हैं। पत्रकार प्रकाश सिंह ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों को मार्गदर्शन करें। ललित शर्मा ने कहा कि नींद सड़क दुर्घटनाओं के सबसे महत्वपूर्ण कारकों में से एक है। सभी को 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद अवश्य लेना चाहिए। ऑर्थाेपीडिक सर्जन डॉ. गौरव संजय ने कहा की दुर्घटनाएं क्षण भर में होती है इसीलिए हम सबको इस तरह की घातक दुर्घटनाओं से बचने के लिए या तैयार नियमों का पालन करना चाहिए। डॉ गौरव संजय ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथि गणों, पत्रकारों, छात्र-छात्राओं एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का आयोजन योगेश अग्रवाल के द्वारा किया गया। उत्तरांचल आयुर्वेदिक मेडिकल छात्रों के अतिरिक्त पार्षद् संजय नौटियाल, पारितोष किमोथी, डी. बी. सिंह, सपना इत्यादि कार्यक्रम में मौजूद रहे।