वन और जीव के समावेश से ही बनता है जीवन : जुगलान

श्यामपुर, ऋषिकेश।राजकीय इंटर कालेज खदरी खड़क माफ में वन विभाग ऋषिकेश की ओर से आयोजित वन्य प्राणी सप्ताह संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद डॉ विनोद जुगलान ने कहा कि वन्य प्राणी सप्ताह का इतिहास लगभग सत्तर साल पुराना है।हमें अपने बुजुर्गों का धन्यवाद करना चाहिए कि वे बेशक अल्प शिक्षित थे लेकिन उनकी सोच पारिस्थिकी तंत्र और वन्य प्राणियों के संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण जागरूकता थी।आज हम शिक्षित होकर भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति उदासीन हैं।वन और जीव के समावेश से ही जीवन बनता है। हमें जीव और वनों के प्रति युवाओं में जागरूकता लानी होगी।भारत में कुल 573 वन्यजीव अभ्यारण्य हैं।जिनके संरक्षण के प्रयास मिलजुल कर करने होंगें।यदि वन्य प्राणी नहीं रहेंगे तो हमारा इको सिस्टम लड़खड़ा जाएगा।हमारे लिए घरेलू पशु जितने महत्वपूर्ण हैं, उतने ही महत्वपूर्ण वन्य प्राणी भी हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजकीय इंटर कालेज खदरी के प्रधानाचार्य डीएस कण्डारी ने आये हुए अतिथियों का स्वागत सम्मान कर जनजागरूकता के लिए अतिथि वक्ताओं का आभार जताया।इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक वनक्षेत्राधिकारी ऋषिकेश जीएस धमान्दा ने कहा कि वन हो या वन्य प्राणी इन सबके संरक्षण के लिए सामुदायिक प्रयास महत्वपूर्ण है।उन्होंने साँपों सहित वन्यजीवों के संरक्षण में निःशुल्क सहयोगी की भूमिका निभा रहे पर्यावरण प्रेमी विनोद जुगलान का विशेष आभार जताया।उन्होंने कहा कि वनों की कमी और वन्य प्राणियों के प्राकृतिक सुवास पर मानव का अतिक्रमण भारी पड़ रहा है।परिणामस्वरूप वन्य प्राणी आबादी की ओर बढ़ जाते हैं।संगोष्ठी में उपराजिक अधिकारी चन्द्र शेखर भट्ट, डिप्टी रेंजर सतीश पोखरियाल,शिक्षक रणबीर सिंह पुण्डीर,मनोज सिंह राणा ने अपने विचार रखे।कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका दीपा सैनी ने किया।मौके पर वन दरोगा अवतार सिंह,वनबीट अधिकारी राजेश बहुगुणा,वनबीट अधिकारी मोहम्मद सलमान,वन आरक्षी सुभाष बहुगुणा,वनकर्मी सोहन सिंह मौजूद रहे।

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