सुपोषित भारत से होगा देश का भविष्य सुरक्षितः नेहा सिंह
1 min readदेहरादून । बाल विकास परियोजना अधिकारी डोईवाला नेहा सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर शुरू किया गया मिशन पोषण 2.0 (सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0) का उद्देश्य मिशन-मोड में कुपोषण की चुनौती का समाधान करना है ताकि देश का भविष्य सुरक्षित हो सके। मिशन पोषण 2.0 देश भर में बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के मध्य कुपोषण से लड़ने हेतु प्रतिबद्व है। उक्त कार्यक्रम के द्वारा सरकार ऐसी पद्धत्ति को विकसित करने पर ध्यान दे रही है, जिससे रोगों एंव कुपोषण के विरूद्व मानव शरीर में प्रतिरक्षा में वृद्वि की जा सके। मिशन पोषण 2.0 के अर्न्तगत प्रत्येक वर्ष के सितंबर माह मे पोषण माह मनाया जाता है, जिसकी प्रत्येक वर्ष एक थीम भारत सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है। सभी राज्य पोषण माह में इसी थीम के अनुसार गतिविधियां पूरे माह संचालित करते हैं । इस वर्ष पोषण माह की थीम्स है- एनिमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन हेतु प्रौघोगिकी और एक पेड़ मां के नाम। महीने भर के अभियान का उद्देश्य कुपोषण से निपटने और पूरे देश में समग्र कल्याण को बढ़ावा देने के प्रयासों को और तेज करना है। यह ‘सुपोषित भारत’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है। उत्तराखण्ड में पोषण माह 2024 में इस वर्ष की थीम्स को ध्यान में रखते हुए विभिन्न गतिविधियों का क्षेत्रीय स्तर पर व राज्य के 13 जिलो में 20 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आयोजन किया गया है। पोषण माह का उद्देश्य सामुदायिक लामबंदी सुनिश्चित करना और छोटे बच्चों और महिलाओं के बीच कुपोषण को दूर करने के लिए लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देना और सभी के लिए स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करना है।
कहा कि समग्र पोषण के बारे में समस्त उत्तराखण्ड में जागरूकता फैलाने के लिए प्रत्येक गांव, ब्लॉक और जिले स्तर पर श्एक पेड़ मां के नामश् कार्यक्रम के द्वारा पर्यावरण एंव मानवीय संबन्धों का ताना-बाना बुन कर पर्यावरण संरक्षण की तरफ एक जन-आंदोलन प्रारम्भ किया गया। इसके अतिरिक्त पोषण हेतु जागरूकता के लिए आउटरीच कार्यक्रम, रोग व एनिमिया पहचान अभियान, स्वास्थ्य एंव स्वच्छता शिविर और डोर टू डोर कैंपेन आयोजित की गई। इसमें महिला सशक्तीकरण एंव बाल विकास विभाग, उत्तराखण्ड के विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारियों व समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, क्षेत्रीय प्रतिनिधियों, विभिन्न एनजीओ आदि के सहयोग से वृहद स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। राज्य के समस्त आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सामुदायिक गतिविधियों में एक पेंड़ मां के नाम, एनिमिया परिक्षण, उपचार एंव चर्चा के अर्न्तगत बच्चों, किशोरियों, महिलाओं को केंद्र में रखते हुए विभिन्न एनिमिया परीक्षण शिविर व आउटरीच गतिविधियां चलाई गईं। विकास निगरानी के अर्न्तगत विभिन्न क्षेत्रों मे विकास निगरानी संवर्धन पर संवेदीकरण कार्यशाला, स्वस्थ बालक-बालिका प्रतियोगिता व जनजातीय क्षेत्र आधारित वजन व पोषण एंव पोषण माप अभियान आदि कार्यक्रम भी आयोजित किये गए। पूरक पोषाहार के अर्न्तगत पूरक पोषाहार पर गतिविधियां, स्थानीय खाघ पदार्थों के माध्यम से पूरक पोषाहार व्यंजन पकाने की प्रदशर्नी – अम्मा की रसोई, स्तनपान की उचित तकनीक, इत्यादि कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। श्पोषण भी , पढ़ाई भीश् के अन्तर्गत ई0सी0सी0 लर्निग कार्नर को बढ़ावा , स्वदेशी व मिट्टी के खिलौनो को बढ़ावा देन हेतु विभिन्न कार्यक्रम किये गये। एक पेड़ मां के नाम अभियान के अर्न्तगत पर्यावरण संरक्षण की शपथ के साथ वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण पर आउटरीच गतिविधियां एंव उक्त समस्त गतिविधियों के अतिरिक्त पोषण जागरूकता साइकिल रैली, प्रभात फैरी का भी आयोजन किया गया।