जल मल गिराकर गंगाजी की पवित्रता को प्रभावित किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण : जुगलान
ऋषिकेश।नमामि गंगे योजना के तहत सीवरेज संयोजन निर्माण एवं अनुरक्षण की कार्यदायी संस्था पेयजल निगम परियोजना प्रबंधन दल द्वारा मुख्यविकास अधिकारी अभिनव शाह के निर्देशन पर विभाग ने संज्ञान लेते हुए गंगा में मिल रहे जलमल का भौतिक निरिक्षण पशुलोक विस्थापित क्षेत्र एवं वीरभद्र बैराज कालोनी में किया गया। गंगाजी के पवित्र जल में सीधे जल मल गिराकर पवित्र जल को दूषित करने की शिकायत जिला गंगा सुरक्षा समिति की मासिक बैठक में समिति के नामित सदस्य एवं सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण विद डॉ विनोद जुगलान ने बीती 24 सितंबर को मुख्यविकास अधिकारी के समक्ष करते हुए कार्यवाही की माँग की थी।जुगलान ने कहा कि करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कृष्णा नगर लेबर कालोनी सहित वीरभद्र मन्दिर के पास जलमल का सीधा निस्तारण गंगा जी में किया जा रहाहै।जिससे करोड़ों लोगों की आस्था की प्रतीक माँ गंगाजी की पवित्रता प्रभावित हो रही है।इससे गंगा के प्रति आस्था रखने वालों की भावनाएं आहत हो रही हैं।गौरतलब है कि कृष्णा नगर लेबर कालोनी को वन विभाग की ओर से अवैध अतिक्रमण घोषित किया गया।जिसके बाद से यहाँ सीवरेज निस्तारण का कोई प्रबन्ध नहीं है।जबकि मात्र तीन सौ मीटर की दूरी पर 26 एमएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है।वहाँ इस जलमल की लाईन को जोड़कर निस्तारण किया जा सकता है।इससे सरकारी धन की भी बचत हो सकती है।वहीं दूसरी ओर वीरभद्र मन्दिर के निकट बैराज कालोनी के आसपास बनाये गए अपार्टमेंट्स एवं डेयरी गौशालाओं एवं आवासीय भवनों का सीवेज भी रंभा नदी में गिराया जा रहा है, जो सीधे गंगा जी में जाकर मिलता है।मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए मुख्य विकास अधिकारी देहरादून ने परियोजना प्रबंधक पेयजल निगम निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई गंगा एस के वर्मा को समस्या का संज्ञान लेने और भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए थे।निर्देशानुपालन में शनिवार को विभागीय निरीक्षण दल ने मौका मुआयना किया।निरीक्षण दल में सहायक अभियन्ता पेयजल निगम निर्माण एवं अनुरक्षण इकाई (गंगा) पवन कुमार,प्लान्ट इंजीनियर धर्मेंद्र प्रसाद कुकरेती, कनिष्ठ अभियंता ललित सिंह,जिला गंगा सुरक्षा समिति के नामित सदस्य पर्यावरण विद विनोद जुगलान प्रमुख रूप से मौजूद रहे।