ऋषिकेश।नमामि गंगे योजना के कार्यो की समीक्षा के लिए जिलाधिकारी देहरादून की अध्यक्षता में गठित
जिला गंगा सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट परिसर ऋषिपर्णा सभागार में मुख्य विकास अधिकारी झरना कमठान की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।बैठक में सर्वाधिक मुद्दे ऋषिकेश नगर और आसपास क्षेत्र से जुड़े थे।बैठक में समिति के नामित सदस्य पर्यावरणविद विनोद जुगलान ने बताया कि नमामि गंगे योजना के तहत ऋषिकेश और आसपास क्षेत्र के सभी सिवरेज नालों को टेप किया जाना था,लेकिन दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कुछ स्थानों पर गंगाजी में सिवरेज का गंदा पानी जा रहा है।जिनमें ऋषिकेश भैरो मन्दिर के समीप बहने वाला तथा कृष्णा नगर लेबर कालोनी से निकलने वाले नाले शामिल हैं।इन्हें युद्ध स्तर पर टेप किया जाना परम आवश्यक है।साथ ही उन्होंने खदरी में सौंग नदी के बाएं छोर पर बाढ़ नियंत्रण के ठोस प्रबन्ध किये जाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि समिति की ओर से साशन को भी इस संदर्भ में त्वरित कार्यवाही की शिफारिश किये जाने का अनुमोदन किया जाय।जिसकी स्वीकृति मुख्य विकास अधिकारी द्वारा मौके पर ही दे दी गयी।सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डीसी उनियाल द्वारा बताया गया कि उक्त क्रम में साशन को बीते दिवस सिंचाई विभाग की ओर से साढ़े चार करोड़ रुपये लागत की योजना की पीपीटी (पवार पॉइंट प्रजेंटेशन) सचिव बाढ़ आपदा प्रबंधन को दिखाई गई है।पुनः समिति की ओर से संस्तुति के लिए शिफारिश की जाएगी।ताकि किसानों की आजीविका और आर्थिकी प्रभावित न हो।जुगलान ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में सिवररेज सेफ्टिक टैंक सॉलिड वेस्ट खाली कराने की व्यवस्था है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीणों को स्लज साफ करवाने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं।इसके निवारण के लिए व्यवस्था तैयार की जानी चाहिए।सीडीओ देहरादून ने जिला विकास अधिकारी एवं स्वजल परियोजना प्रबन्धक को इस संदर्भ में संज्ञान लेते हुए स्वजल योजना में व्यवस्था करने की बात कही।इस अवसर पर बैठक
डी जी एस सी के सदस्य विनोद जुगलान ने सीडीओ देहरादून को गौलोक वासी पर्यावरण विद पद्मश्री सुंदर लाल बहुगुणा के जीवन पर आधारित मधु पाठक लिखित “संकल्प के हिमालय सुंदर लाल बहुगुणा नामक पुस्तक भेंट की।मौके पर जिला विकास अधिकारी एवं स्वजल परियोजना प्रबन्धक सुशील मोहन डोभाल, समिति के नामित सदस्य एवं उत्तराखंड उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गुप्ता,पेयजल संस्थान के उपखण्ड अधिकारी परियोजना प्रबन्धक अनुरक्षण एवं निर्माण इकाई गङ्गा एस के वर्मा,जल संस्थान ऋषिकेश के उपखण्ड अधिकारी सहायक अभियंता हरीश बंसल,नगर निगम ऋषिकेश के एसआई संतोष गुसांई,निगम सूचना प्रबन्धन एवं पर्यावरण विशेषज्ञ गुरमीत सिंह सहित वनविभाग के अधिकारी मौजूद रहे।