पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के एक बार फिर हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ने की चचाएं जोर पकड़ने लगी है। बेटी अनुपमा रावत की क्षेत्र में सक्रियता और बसपा नेता मुकर्रम अंसारी की कांग्रेस में वापसी इसके संकेत भी दे रही है। हालांकि इस सीट पर कांग्रेसी इस बार स्थानीय नेता को टिकट देने की वकालत करते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस पर्यवेक्षकों को भी दावेदारों ने यही बात कही भी है।
चार दिन पहले ही बसपा छोड़ मुकर्रम अंसारी ने हरीश रावत के नेतृत्व में कांग्रेस ज्वाइन की है। मुकर्रम का क्षेत्र में प्रभाव भी है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा से चुनाव मैदान में उतरे मुकर्रम अंसारी ने 18383 मत हासिल किए थे। उस दौरान हरीश रावत की हार का प्रमुख कारण इसे भी माना जा रहा था। अब मुकर्रम अंसारी के कांग्रेस में आने से हरिद्वार ग्रामीण में हरीश रावत खासे मजबूत होते भी दिख रहे हैं। स्थानीय कांग्रेसी नेता और दावेदार दबी जुबान में इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं कि हरीश रावत या तो खुद अन्यथा अपनी बेटी अनुपमा को चुनाव मैदान में उतारेंगे।
मुकर्रम के कांग्रेस में आने के बाद बसपा को खासा राजनीतिक नुकसान हुआ है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव आफाक का साफ कहना है कि हरीश रावत हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव लड़ेंगे, इसके संकेत मिल रहे हैं। हरिद्वार ग्रामीण सीट पर आम आदमी पार्टी भी खासी सक्रिय दिखाई दे रही है। पथरी क्षेत्र पहले से ही कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है। लेकिन इस बार आप काफी हद तक कांग्रेस के गढ़ में सेंध मारती दिख रही है।