ओखलकांडा में जंगल की आग से पांच मकान जले, सामान राख

नैनीताल। उत्तराखंड में वनाग्नि से लोगों की परेशानी भी बढ़ गईं हैं। वन संपदा का नुकसान होने के साथ ही लोगों के मकान भी जल रहे हैं। ओखलकांडा ब्लॉक की दूरस्थ ग्राम पंचायत हरीशताल के तोक तेगुनिया में जंगल की आग से पांच ग्रामीणों के मकान जल गए। गनीमत रही कि उस वक्त घर के अंदर कोई नहीं था। यदि आग रात को लगती तो बड़ी जन व पशु हानि हो सकती थी।
आग से घर में रखा अनाज, कपड़े, बर्तन समेत अन्य सामान जलकर नष्ट हो गया है। पीड़ित परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। विधायक राम सिंह कैड़ा ने घटना पर दुख जताते हुए एसडीएम धारी व डीएफओ को तत्काल मौका मुआयना कर उचित मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। प्रधान आशा भट्ट ने बताया कि जंगल की आग से तेगुनिया निवासी त्रिलोचन, नवीन चंद्र, भुवन चंद्र, देवीराम व चंद्रदत्त का मकान जल गया है। पीड़ित परिवारों के पास शरीर पर पहने कपड़ों के अलावा और कुछ नहीं बचा है। ग्रामीणों ने घंटों बाद आग पर काबू पाया। क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या के चलते ग्रामीणों को सूचना का आदान-प्रदान करने में परेशानियां उठानी पड़ीं। पीड़ित परिवारों को अन्यत्र शिफ्ट कर दिया गया है। जंगलों में अभी भी भीषण आग लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता ललित भट्ट, डूंगर ढोलगाई, प्रदीप मटियाली, पूरन भट्ट, भोला भट्ट, नवीन , तारा भट्ट, त्रिलोचन भट्ट ने घंटों मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। उन्होंने प्रशासन से जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए त्वरित कार्रवाई की मांग की है। नगर के नैनी बेंड, घोड़ाखाल सैनिक स्कूल, सेनेटोरियम से सटे तीन जंगलों में आग लगने से सुबह से रात तक वन विभाग कर्मचारी आग बुझाते रहे। किसी तरह ग्रामीणों ने आग को घरों तक पहुंचने से रोका। गुरुवार को नगर के तीन जंगलों में अराजक तत्वों ने आग लगा दी। देखते ही देखते आग की लपटें तेज हो गईं। आसपास घरों तक आग पहुंचने पर लोग घरों से बाहर आ गए। ग्रामीणों ने किसी तरह आग को घरों तक पहुंचने से रोका।

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